
अमेरिका में टल सकता है टिक-टॉक पर प्रतिबंध का खतरा, सुरक्षा की चिंता हुई दूर
क्या है खबर?
चीनी बाइटडांस के शॉर्ट-वीडियो शेयरिंग ऐप टिक-टॉक के एल्गोरिदम की चिंता को दूर करते हुए अमेरिकी सरकार ने एक नया समझौता किया है। व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि टिक-टॉक पर अमेरिकी कंपनियां फीड को संचालित करने वाले एल्गोरिदम पर नियंत्रण कर लेंगी। साथ ही अमेरिकी प्रतिनिधि इसके संचालन की देखरेख करने वाले नए बोर्ड में बहुमत भी रखेंगे। बोर्ड के 7 में से केवल एक सदस्य का चयन बाइटडांस से किया जाएगा।
बयान
व्हाइट हाउस ने नए समझौते पर यह कहा
प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ओरेकल को अमेरिका में टिक-टॉक के डाटा और सुरक्षा प्रबंधन का काम सौंपा जाएगा और प्रस्तावित गवर्निंग बोर्ड की 7 में से 6 सीटें अमेरिकी नियुक्तियों द्वारा भरी जाएंगी। लेविट ने फॉक्स न्यूज को बताया, "एल्गोरिदम को भी अमेरिका द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशासन इस व्यवस्था को प्लेटफॉर्म की अनुशंसा प्रणाली पर संभावित चीनी प्रभाव के खिलाफ सुरक्षा के रूप में देखता है।
कारण
सुरक्षा को लेकर है चिंता
अमेरिकी कंपनियों के टिक-टॉक के एल्गोरिदम पर नियंत्रण कर लेने की तैयारी से लग रहा है कि अब इस ऐप पर प्रतिबंध का खतरा टलता नजर आ रहा है। दरअसल, अमेरिका में ऐप पर यूजर्स के डाटा को लेकर चिंता है। अमेरिकी सांसदों का मानना है कि अगर बाइटडांस का एल्गोरिदम जारी रहा तो चीन का असर बना रह सकता है। इसके अलावा देश का न्याय विभाग पहले ही इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता चुका है।
दबाव
बाइटडांस पर है अमेरिकी परिचालन बेचने का दबाव
यह सौदा टिक-टॉक के भविष्य को लेकर महीनों से चल रही राजनीतिक खींचतान के बाद हुआ है, जिसकी मूल कंपनी बाइटडांस पर अपना अमेरिकी कारोबार बेचने का दबाव है। कांग्रेस ने जनवरी से ऐप पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी दी थी, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बातचीत जारी रहने तक बार-बार समय सीमा बढ़ा दी। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फोन पर बातचीत में टिक-टॉक समझौते पर प्रगति की है।