सैमसंग अगले महीने से भारत में बनाएगी लैपटॉप, आयात पर प्रतिबंध के बाद लिया फैसला
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में अगले महीने से लैपटॉप बनाना शुरू कर सकती है। कंपनी की मोबाइल उत्पादन से जुड़ी ग्रेटर नोएडा फैक्ट्री में हर साल 60,000-70,000 यूनिट लैपटॉप का उत्पादन होगा। रिपोर्ट में मामले से परिचित एक व्यक्ति के हवाले से बताया गया है कि कंपनी अगले महीने से परिचालन शुरू करने के लिए तैयार है। लैपटॉप निर्माण के लिए कंपनी ने लगभग 100-200 करोड़ का निवेश किया है। आइये पूरी खबर जानते हैं।
प्रतिबंध के बाद सामने आया सैमसंग का फैसला
टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और लैपटॉप के आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सैमसंग स्थानीय लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के बिना उत्पादन शुरू करने वाली पहली कंपनी बन जाएगी। बता दें, प्रतिबंध लगाने के साथ ही घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार वित्तीय प्रोत्साहन और कर छूट प्रदान कर रही है। सरकार की योजना 5-7 सालों में IT हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के जरिए 17,000 करोड़ का प्रोत्साहन प्रदान करने की है।
प्रतिद्वंदियों की तुलना में कम रहेगी सैमसंग की उत्पादन क्षमता
IT मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सैमसंग इंडिया ने IT हार्डवेयर PLI योजना में भाग नहीं लिया, जो अगस्त के अंत में बंद हो गई। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि सैमसंग की स्थानीय उत्पादन क्षमता भारतीय लैपटॉप बाजार की शीर्ष 3 कंपनियों HP, लेनोवो और डेल जैसे प्रतिद्वंदियों की तुलना में कम रहेगी। हालांकि, HP, लेनोवो और डेल पहले से ही भारत में लैपटॉप बना रही थीं और ये PLI योजना के तहत आवेदक भी थे।
आयात होगा कम और बढ़ेगा स्थानीय उत्पादन
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार आयात पर प्रतिबंध के बाद HP, लेनोवो और डेल भी उत्पादन का विस्तार करने की तैयारी में हैं। एसर सहित अन्य कंपनियां भी स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाने पर काम कर सकती हैं। लेनोवो और एसर पिछली कुछ तिमाहियों से स्थानीय असेंबली पर जोर दे रही हैं और अन्य भी जल्द ही इसी रास्ते का अनुसरण करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आयात कम होगा और स्थानीय उत्पादन बढ़ जाएगा।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
देश में बिकने वाले कुल लैपटॉप का लगभग 83-85 प्रतिशत लैपटॉप वर्तमान में आयात किया जाता है। इनकी कीमत लगभग 66,000 करोड़ रुपये पहुंचती है। भारत के लैपटॉप और PC बाजार में अप्रैल, 2022 के बाद से पिछली 4 तिमाहियों में गिरावट आई है। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन (IDC) इंडिया के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में बेचे गए लगभग 1 करोड़ यूनिट्स की तुलना में 30 जून, 2023 तक यानी 6 महीनों में लगभग 4.5 लाख यूनिट्स बेची गई हैं।