
डॉलर के मुकाबले रुपया सर्वकालिक निचले स्तर पर गरने से बचा, जानिए कारण
क्या है खबर?
अमेरिका-भारत व्यापार तनाव बढ़ने के कारण मंगलवार (5 अगस्त) को डाॅलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट दर्ज हुई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संभावित हस्तक्षेप ने इसे रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरने से बचा लिया। दोपहर 1:15 बजे डॉलर के मुकाबले रुपया 87.82 पर था, जो सोमवार के बंद भाव 87.65 से कम था। इससे पहले यह 87.88 तक गिर गया था, जो फरवरी के रिकॉर्ड निचले स्तर 87.95 के करीब था।
हस्तक्षेप
RBI ने किया हस्तक्षेप
केंद्रीय बैंक के संभावित हस्तक्षेप के चलते रुपया 87.85 प्रति डॉलर पर खुला। व्यापारियों का कहना है कि RBI ने 88 के स्तर तक पहुंचने से रोकने के लिए बाजार खुलने से पहले सरकारी बैंकों के जरिए डॉलर बेचे। एक निजी बैंक के मुद्रा व्यापारी ने कहा, "केंद्रीय बैंक ने टैरिफ संबंधी प्रभाव को अवशोषित कर लिया है और फिलहाल बड़े आंकड़े को बदलने से रोक दिया है।" विश्लेषकों के अनुसार, रुपये में गिरावट नकारात्मक व्यापारिक माहौल के कारण है।
कारण
रुपये में गिरावट के पीछे क्या है कारण?
जानकारों का मानना है कि अमेरिकी व्यापार संबंधों पर स्पष्टता आने तक अनिश्चितता बने रहने से रुपये में गिरावट जारी रहेगी। पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद व्यापार विवाद बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि व्यापार समझौता वार्ता रुक जाती है तो भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी पूंजी निकासी में तेजी आ सकती है, जिससे स्थानीय मुद्रा पर और दबाव पड़ेगा।