
रोल्स रॉयस ने भारत के पहले इलेक्ट्रिक युद्धपोत पर काम करने में दिखाई रुचि
क्या है खबर?
रोल्स रॉयस ने देश के पहले इलेक्ट्रिक युद्धपोत पर भारतीय नौसेना के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की है। यह भारत के लिए नौसेना को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कंपनी के भारत और दक्षिण पूर्व एशिया (रक्षा) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अभिषेक सिंह ने कहा कि कंपनी हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक और पूर्ण-इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणालियों वाले अपने पोर्टफोलियो के साथ भारत के नौसैनिक आधुनिकीकरण में सहयोग देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
तकनीक
क्या है कंपनी की खास तकनीक?
अभिषेक सिंह ने कहा कि रोल्स रॉयस के पास सही प्रोडक्ट, विशेषज्ञता और अनुभव है, जो देश की नौसेना के आधुनिकीकरण में मदद कर सकता है। यह भी बताया कि उसका M30 इंजन पावर, घनत्व और विश्वसनीयता के मामले में नए मानक स्थापित कर चुका है। उन्होंने कहा, "हम भारतीय नौसेना के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि अगली जनरेशन के इनोवेशन कर सकें। यह भारत के आधुनिक और आत्मनिर्भर रक्षा बल बनाने का सपना पूरा करेगा।
युद्धपोत
मुंबई पहुंचा UK का युद्धपोत
HMS प्रिंस ऑफ वेल्स के नेतृत्व में यूनाइटेड किंगडम (UK) का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (CSG) हिंद-प्रशांत तैनाती के तहत मुंबई पहुंच गया है। इस युद्धपोत को रोल्स रॉयस की MT30 मरीन गैस टर्बाइन से ऊर्जा मिलती है, जो इसके इंटीग्रेटेड फुल इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन (IFEP) सिस्टम का केंद्र है। इसके अलावा 2 MT30 गैस टर्बाइन अल्टरनेटर (36-36 मेगावाट ) और 4 मध्यम गति वाले डीजल जनरेटर (109 मेगावाट) एक छोटे शहर के बराबर बिजली पैदा करते हैं।