
बिजली वितरण का काम संभालेंगी निजी कंपनियां, सरकार ने बनाया प्रस्ताव
क्या है खबर?
केंद्र सरकार देशभर में निजी कंपनियों के लिए अपने खुदरा बिजली बाजार को खोलने की योजना बना रही है, जिससे अधिकांश राज्यों में सरकारी वितरकों का प्रभुत्व समाप्त हो जाएगा। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं केवल सरकारी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहेंगे। इसके लिए विद्युत मंत्रालय की ओर से एक मसौदा प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस कदम से अडाणी एंटरप्राइजेज, टाटा पावर, टोरेंट पावर और CESC जैसी निजी कंपनियों को देशभर में बिजली वितरण करने का अवसर मिलेगा।
बिजली वितरण
कैसी है राज्यों में वितरण व्यवस्था?
इससे बिजली क्षेत्र में प्रतियोगिता बढ़ेगी और उम्मीद है कि सेवाएं बेहतर होंगी। 2022 में भी ऐसा प्रयास हुआ था, लेकिन कई राज्य सरकारों और उनकी बिजली वितरण कंपनियों ने इसका विरोध किया था। देश में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, ओडिशा, महाराष्ट्र और गुजरात में ही निजी कंपनियां बिजली वितरण का काम करती हैं। बाकी ज्यादातर जगहों पर राज्य सरकारों की कंपनियां ही इस काम को संभालती हैं, लेकिन वो भारी वित्तीय घाटे के बोझ तले दबे हुई हैं।
घाटा
बिजली वितरण कंपनियों पर कितना है घाटा?
इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपनी 2 बिजली वितरण कंपनियों को निजी हाथों में देने के लिए बोली लगवाई थी। माना जा रहा है कि अगर, नया बिल पास हो जाता है तो देश के बाकी राज्यों में भी यही रास्ता अपनाया जाएगा। जून तक राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादक कंपनियों का करीब 6.78 अरब डॉलर (600 अरब रुपये) का बकाया था, जिससे पूरे सेक्टर में पूंजी की कमी आ गई है।