नए गेमिंग कानून का असर, गेम्सक्राफ्ट में 400 से अधिक कर्मचारियों की हुई छंटनी
क्या है खबर?
रियल-मनी गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट ने संगठनात्मक पुनर्गठन के तहत 400 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है। कंपनी ने बताया कि यह कदम कारोबार की स्थिति को स्थिर रखने के लिए उठाया गया है। हाल ही में लागू हुए ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन एक्ट, 2025 ने रियल-मनी गेमिंग उद्योग पर बड़ा असर डाला है, जिसके बाद कंपनी ने अपने कई गेमिंग ऑपरेशन्स और टीमों को घटाने का निर्णय लिया है।
असर
नए कानून से गेमिंग उद्योग पर पड़ा असर
भारत के नए ऑनलाइन गेमिंग कानून के तहत अब ऐसे सभी गेम्स पर प्रतिबंध है, जिनमें असली धन का इस्तेमाल किया जाता है। इस फैसले से कई कंपनियों को अपने मुख्य गेमिंग उत्पाद बंद करने पड़े। गेम्सक्राफ्ट के अलावा मोबाइल प्रीमियर लीग, A23 और गेम्स24x7 जैसी कंपनियों ने भी कर्मचारियों की छंटनी की है। इन कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है, जिसकी अगली सुनवाई 26 नवंबर को तय है।
दबाव
धोखाधड़ी मामले से भी कंपनी पर दबाव
कंपनी पहले से ही वित्तीय विवादों से जूझ रही है। उसके पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी पर लगभग 270 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। यह मामला पुलिस जांच के अधीन है। सितंबर में भी कंपनी ने करीब 120 कर्मचारियों की छंटनी की थी और कहा था कि व्यवसायिक परिस्थितियों के कारण संरचनात्मक बदलाव ज़रूरी हैं। अब कर्मचारियों की संख्या घटकर 100 से भी कम रह गई है, जबकि पहले यह लगभग 600 थी।
मुआवजा
छंटनी कर्मचारियों को दिया गया मुआवजा और लाभ
कंपनी ने प्रभावित कर्मचारियों को 1-3 महीने तक का वेतन, नोटिस पे, बोनस और छुट्टी नकदीकरण राशि देने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, मार्च, 2026 तक समूह स्वास्थ्य बीमा और जून, 2026 तक जीवन बीमा कवर जारी रहेगा। गेम्सक्राफ्ट ने भविष्य में नौकरी के अवसरों के लिए प्राथमिकता देने और रेफरल सहायता का भी वादा किया है। इसके अलावा, कंपनी ने ज्वाइनिंग बोनस और नोटिस पीरियड से जुड़ी सभी वसूली माफ कर दी है।