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RBI ने रेपो रेट 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी, विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया

RBI ने रेपो रेट 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी, विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

लेखन गजेंद्र
Aug 06, 2025
10:21 am

क्या है खबर?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह 5.5 प्रतिशत पर बरकरार है। RBI गर्वनर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समीति (MPC) की बैठक में दर को स्थिर रखा गया है। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल 2025 के बाद 6 जून को तीसरी बार रेपो रेट में बदलाव किया था। जून से पहले पहले यह दर 6 प्रतिशत थी। उन्होंने 2025-26 के लिए विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

बयान

RBI गर्वनर ने क्या कहा?

RBI गर्वनर ने वीडियो संदेश में कहा कि MPC की बैठक 4, 5 और 6 अगस्त को हुई थी, जिसमें नीतिगत रेपो दर पर विचार-विमर्श किया गया और निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि व्यापक आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रमों और भविष्य के विस्तृत आकलन के बाद नीतिगत रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि स्थायी जमा सुविधा दर 5.25 प्रतिशत, सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 5.75 प्रतिशत पर बनी रहेगी।

महंगाई

महंगाई दर 4 प्रतिशत के आसपास

गवर्नर ने बताया कि मुख्य मुद्रास्फीति अनुमान से काफी कम है, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव है। उन्होंने बताया कि मुख्य मुद्रास्फीति अनुमानत: 4 प्रतिशत के आसपास टिकी हुई है। हालांकि, अंतिम तिमाही से इसमें बढ़ोतरी का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मध्यम अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी अंतर्निहित शक्तियों का लाभ लेकर उज्ज्वल संभावनाओं से युक्त है और 2025-26 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत का अनुमान है।

ट्विटर पोस्ट

RBI गर्वनर ने दिया बयान

रेपो रेट

क्या है रेपो रेट?

RBI जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। दरअसल, जिस प्रकार लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा लेकर ब्याज चुकाते हैं, उसी प्रकार बैंकों को केंद्रीय बैंक यानी RBI से लोन लेना पड़ता है। इस लोन पर बैंक जिस दर से RBI को ब्याज देते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। यह अर्थव्यवस्था के सबसे अहम फैक्टर्स में से एक होती है।

असर

रेपो रेट स्थिर होने से क्या होगा असर?

रेपो रेट के स्थिर होने से लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पहले की तिमाहियों में रेट कम हो चुके हैं। होम लोन, पर्सनल लोन और वाहन लोन लेने वाले लोगों को इससे राहत मिलेगी, क्योंकि ये न तो बढ़ेगा और न ही घटेगा। जब बैंकों को RBI से कम ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा तो वह ग्राहकों को भी कम दर पर कर्ज देंगे।