
RBI ने रेपो रेट घटाई, होम लोन पर कितना फायदा होगा?
क्या है खबर?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने आज बड़ा फैसला लेते हुए रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.50 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया है। अब रेपो रेट घटकर 5.50 प्रतिशत हो गई है।
यह इस साल लगातार तीसरी बार है, जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है। इस कदम से होन लोन सस्ते होने समेत कई फायदे होंगे।
जानते हैं आपको क्या फायदा होगा।
फायदा
20 साल अवधि वाले 20 लाख के लोन पर डेढ़ लाख का फायदा
रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी अपनी ब्याज दर कम करेंगे।
मान लें कि आपने 20 साल के लिए 20 लाख रुपये का होम लोन लिया है। इस पर पुरानी 8 प्रतिशत की ब्याज दर से आपको 20.14 लाख रुपये का ब्याज चुकाना पड़ता।
अब 7.5 प्रतिशत की नई ब्याज दर पर आपको 18.66 लाख रुपये ही ब्याज चुकाना होगा। इस तरह आपको 1.48 लाख रुपये का फायदा होगा।
50 लाख
50 लाख के लोन पर कितना फायदा होगा?
मान लीजिए आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 30 साल के लिए लिया है। इस पर बैंक 9 प्रतिशत की दर से ब्याज लगा रहा है। इस हिसाब से आपको हर महीने 40,231 रुपये की EMI भरनी होगी।
रेपो रेट में कटौती के बाद अगर ब्याज दर 8.50 प्रतिशत होती है, तो आपकी EMI घटकर 38,446 रुपये हो जाएगी। यानी आपकी एक EMI में 1,785 रुपये की कमी होगी और कुल ब्याज में 6.42 लाख का फायदा होगा।
30 लाख
30 और 25 लाख के लोन पर EMI का हिसाब जान लीजिए
अगर आपने 30 लाख रुपये का लोन 8.5 प्रतिशत ब्याज पर 20 साल के लिए लिया है, तो उसकी एक EMI 26,035 रुपये होगी। अगर बैंक ब्याज 8 प्रतिशत करता है तो एक EMI 25,093 रुपये हो जाएगी।
इसी तरह अगर आपने 25 लाख रुपये का लोन 8.5 प्रतिशत ब्याज दर पर 20 साल के लिए लिया है, तो आप फिलहाल 21,696 रुपये प्रतिमाह चुका रहे हैं। ब्याज दर 8 प्रतिशत होने पर आपकी EMI 20,911 रुपये की हो जाएगी।
कटौती
RBI ने कब-कब कम की रेपो रेट?
RBI ने इसी साल फरवरी में रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।
इसके बाद अप्रैल में भी रेपो रेट 0.25 प्रतिशत घटाई गई थी, जिसके बाद ये 6 प्रतिशत पर आ गई थी।
अब लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की गई है। इस तरह तीन बार में रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट यानी 1 प्रतिशत की कमी की गई है।
रेपो रेट
क्या होती है रेपो रेट?
RBI जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है।
जिस प्रकार लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा लेते हैं, उसी प्रकार बैंकों को केंद्रीय बैंक यानी RBI से लोन लेना पड़ता है।
इस लोन पर बैंक जिस दर से RBI को ब्याज देते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट कम होने से बैंक को कम ब्याज पर लोन मिलता है, जिससे वे भी ब्याज दरें घटा देते हैं।