रतन टाटा ने क्यों खरीदी थी जगुआर लैंड रोवर? जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी
टाटा मोटर्स के अध्यक्ष रहे रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने ऑटोमोबाइल जगत में कई ऐसे काम किए, जिसे हमेशा याद किया जाएगा। जगुआर और लैंड रोवर जैसी लग्जरी कार निर्माता अगर आज बाजार में टिकी हुई हैं तो उसमें रतन टाटा का सबसे बड़ा हाथ रहा था। इन कंपनियों को खरीदने के पीछे का सच कम लोगों को पता होगा। आइये जानते हैं इनके अधिग्रहण के पीछे क्या कारण था।
घाटे के कारण टाटा मोटर्स काे थी बेचने की तैयारी
रतन टाटा ने 90 के दशक में स्वदेशी तकनीक के साथ इंडिका को भारतीय बाजार में उतारा था। यह गाड़ी लोकप्रिय तो काफी हुई, लेकिन बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई। लगातार बढ़ते घाटे के चलते रतन टाटा ने 1999 में कार डिवीजन को बेचने का फैसला कर लिया। इसको लेकर उन्होंने अमेरिकन कार निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर्स के साथ बातचीत भी की थी। उन्होंने उस वक्त फोर्ड के अध्यक्ष बिल फोर्ड से करीब 3 घंटे की मुलाकात की।
फोर्ड ने ऐसे किया रतन टाटा का अपमान
रतन टाटा के टाटा मोटर्स को बेचने के प्रस्ताव पर फोर्ड कंपनी के अध्यक्ष ने अपमान भरा जवाब दिया। उन्होंने कहा, "तुम कुछ नहीं जानते, आखिर तुमने पैसेंजर कार डिवीजन क्यों शुरू किया? अगर मैं ये सौदा करता हूं तो ये तुम्हारे ऊपर बड़ा एहसान होगा।" वे इस अपमान का घूंट पीकर बिना कोई जवाब दिए भारत लौट आए। टाटा मोटर्स को बेचने का फैसला छोड़कर पूरा ध्यान उसे ऊंचाइयों पर पहुंचाने में जुट गए।
9 साल बाद मिला बदला लेने का मौका
इस घटना को करीब 9 साल गुजरने के बाद 2008 में रतन टाटा को अपने अपमान का बदला लेने का मौका मिला। इस दौरान हालात ऐसे बने कि फोर्ड घाटे में आ गई और उसके स्वामित्व वाली कंपनी जगुआर और लैंड रोवर दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई। टाटा दोनों कंपनियों को खरीद लिया। इसके बाद बिल फोर्ड ने रतन टाटा का धन्यवाद करते हुए कहा था कि उन्होंने फोर्ड के ऊपर बहुत बड़ा एहसान किया है।
मिला ऑटोमोटिव हॉल ऑफ फेम का खिताब
जगुआर और लैंड रोवर के अधिग्रहण के बाद टाटा मोटर्स ने दोनों को एक ही छत के नीचे लाते हुए संयुक्त ब्रांड जगुआर लैंड रोवर (JLR) नाम से एक कंपनी के रूप में स्थापित किया। रतन टाटा को ऑटोमोटिव उद्योग में उनके योगदान और JLR के कायाकल्प के लिए 'ऑटोमोटिव हॉल ऑफ फेम' के खिताब से नवाजा गया। उन्हें 23 जुलाई, 2015 को अमेरिका के डेट्रायट में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में यह सम्मान प्रदान किया गया था।