सिम कार्ड बेचने वालों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन, ज्यादा मात्रा में सिम बिक्री पर लगी रोक
भारत सरकार ने एक से अधिक सिम कार्डों के जरिए की जाने वाली धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए थोक मोबाइल कनेक्शन के प्रावधान पर रोक लगाने की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी घोषणा की कि सिम कार्ड डीलरों को अब सिम बिक्री के लिए अनिवार्य पुलिस वेरफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार ने घोटालों और धोखाधड़ी को कम करने के लिए लगभग 52 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए हैं।
धोखाधड़ी वाले लेनदेन के लिए मौजूद हैं 8 लाख पेमेंट वॉलटे अकाउंट्स
सरकार ने यह भी कहा कि 8 लाख पेमेंट वॉलेट अकाउंट्स का इस्तेमाल धोखाधड़ी वाले लेनदेन को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा लगभग 67,000 सिम कार्ड डीलरों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। सरकार का यह कदम तब सामने आया है जब यह रिपोर्ट सामने आई कि मई 2023 में सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ लगभग 300 FIR दर्ज की गई हैं। वर्तमान में देश में लगभग 10 लाख सिम कार्ड डीलर हैं।
नियम तोड़ने वाले सिम डीलरों पर लगेगा 10 लाख रुपय जुर्माना
मंत्री ने कहा कि सिम डीलरों को पुलिस वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मानदंडों का उल्लंघन करने वाले सिम डीलरों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कार्रवाई के तहत 17,000 ऐसे डिवाइस को भी ब्लैक लिस्ट किए गए, जिनके खोने या चोरी होने की सूचना थी। सरकार ने अपने संचार साथी पोर्टल के जरिए खोए या चोरी हुए 3,000 हैंडसेट उनके मूल मालिकों को लौटाए हैं।
बिजनेस कनेक्शन के लिए बनाया नया नियम
दूरसंचार विभाग ने भी थोक कनेक्शन जारी करना बंद कर दिया है। मंत्री ने कहा कि एक विस्तृत अध्ययन, भारी मात्रा में कनेक्शन के विश्लेषण के साथ-साथ फील्ड में मौजूद साक्ष्यों के अध्ययन के बाद बल्क या भारी मात्रा में कनेक्शन प्रणाली को बंद करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि बिजनेस कनेक्शन के लिए सरकार एक नई अवधारणा पेश करेगी, जिसमें KYC के जरिए अथॉरिटी के साथ रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी।
नंबर बदलने पर लगेगा अंकुश
वैष्णव ने कहा कि इन उपायों से साइबर अपराधों और धोखाधड़ी से जुड़ी गतिविधियों में कमी आएगी। दरअसल, देश के विभिन्न हिस्सों में आए दिन फ्रॉड से जुड़ी कई तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं। धोखाधड़ी करने वाले फोन कॉल, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम आदि के जरिए ठगी को अंजाम देते हैं। ये फ्रॉड करने वाले अपने फोन नंबर और व्हाट्सऐप नंबर बदल बदल कर अवैध गतिविधियों को अंजाम देते हैं।