OpenAI और माइक्रोसॉफ्ट के बीच हुआ पुनर्गठन सौदा, जानिए दोनों कंपनियों को क्या कुछ मिला
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी OpenAI ने अपने कारोबार में बड़ा बदलाव किया है। अब इसका मुख्य काम 'OpenAI ग्रुप (PBC)' नाम की एक निजी कंपनी करेगी, जो 'OpenAI फाउंडेशन' नाम के गैर-लाभकारी संगठन के नियंत्रण में होगी। इस फैसले से OpenAI और माइक्रोसॉफ्ट की साझेदारी के नियम और फायदे साफ हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इस बदलाव को लेकर दोनों कंपनियों के बीच लगभग 1 साल चर्चा चली है।
#1
माइक्रोसॉफ्ट को मिले बड़े फायदे
नए समझौते के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट को OpenAI की नई कंपनी में 27 प्रतिशत हिस्सेदारी मिली है, जिसकी कीमत 135 अरब डॉलर (लगभग 12,000 अरब रुपये) है। माइक्रोसॉफ्ट को 2032 तक OpenAI की तकनीक और AI मॉडल इस्तेमाल करने का अधिकार रहेगा। OpenAI ने वादा किया है कि वह एज्योर क्लाउड सेवाओं पर 250 अरब डॉलर (लगभग 22,000 अरब रुपये) खर्च करेगी। जब तक AGI नहीं बन जाती, माइक्रोसॉफ्ट को OpenAI की कमाई में से 20 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा।
#2
OpenAI को मिला अधिक लचीलापन
इस बदलाव के बाद अब OpenAI एक आम निजी कंपनी की तरह काम कर सकेगी। OpenAI फाउंडेशन के पास कंपनी की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जिसे वह समाजसेवा और रिसर्च के कामों में लगाएगी। अब OpenAI को दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर नए प्रोडक्ट बनाने और गैर-API प्रोडक्ट्स के लिए किसी भी क्लाउड सेवा को चुनने की आजादी मिलेगी। इस कदम से कंपनी का काम और व्यापार दोनों बढ़ सकेंगे।
#3
इस सौदे का नुकसान क्या है?
माइक्रोसॉफ्ट को इस नए समझौते में कुछ नुकसान भी हुए हैं। अब उसे OpenAI के नए क्लाउड प्रोजेक्ट्स पर पहला अधिकार नहीं मिलेगा और न ही वह उपभोक्ता हार्डवेयर से जुड़े उत्पादों में अकेली कंपनी रहेगी। जब OpenAI की आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) तकनीक पूरी तरह विकसित हो जाएगी, तो माइक्रोसॉफ्ट को उसके मुनाफे में कोई हिस्सा नहीं मिलेगा। OpenAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सैम ऑल्टमैन को नई कंपनी संरचना में कोई हिस्सेदारी नहीं दी गई है।