
ऑनलाइन होम सर्विसेज बाजार में बढोतरी, 2030 तक हो सकता है 88 अरब रुपये
क्या है खबर?
भारत के ऑनलाइन होम सर्विसेज बाजार में अगले कुछ सालों में बड़ी बढ़त का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, यह वित्त वर्ष 2030 तक 18-22 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 85-88 अरब रुपये तक पहुंच सकता है। बाजार की यह तेजी शहरी उपभोक्ताओं में सुविधा, विश्वसनीयता और तेज सेवा की बढ़ती मांग से प्रेरित है। हालांकि, भारत का समग्र होम सर्विसेज उद्योग अभी भी मुख्यतः असंगठित और ऑफलाइन है।
सर्विसेज
इंस्टेंट होम सर्विसेज और क्विक कॉमर्स
तत्काल सेवाएं या इंस्टेंट होम सर्विसेज, क्विक कॉमर्स के उदय के बाद शहरी परिवारों की नई आदत बन रही हैं। ये सेवाएं अनौपचारिक घरेलू सहायकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बीच की खाई को पाटती हैं। वर्तमान में 8 बड़े शहरों में ऑनलाइन घरेलू सेवाओं की मांग का 85-90 प्रतिशत हिस्सा देखा गया है। उपभोक्ता सुविधा, सुरक्षा और समय की बचत के कारण इस क्षेत्र में लगातार वृद्धि की उम्मीद है।
संभावनाएं
चुनौतियां और संभावनाएं
इन सेवाओं के सफल विस्तार के लिए प्लेटफॉर्म को कई चुनौतियों का सामना करना होगा। उच्च-घनत्व इलाकों में स्थिर सेवा आपूर्ति, कम-मूल्य वाले कार्यों की आर्थिक व्यवहार्यता और यूजर्स विश्वास बनाए रखना जरूरी है। इसके अलावा, डिजिटल प्रवाह की कमी वाले कार्यबल का समर्थन करना भी आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये प्लेटफॉर्म इन चुनौतियों को हल कर लें, तो यह केवल एक नई श्रेणी नहीं, बल्कि शहरी भारत की रोजमर्रा की सेवा की नई आदत होगी।