लोढ़ा बनाम लोढ़ा: ट्रेडमार्क विवाद सुलझाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने मध्यस्थता का दिया आदेश
क्या है खबर?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने रियल एस्टेट दिग्गज दो भाइयों अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा के बीच 'लोढ़ा' ट्रेडमार्क विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का सहारा लेने का निर्देश दिया है।
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरवी रवीन्द्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया गया है। इस कार्यवाही को पूरा करने के लिए 5 सप्ताह का समय दिया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सौहार्दपूर्ण समाधान का प्रयास करने का सुझाव दिया था।
सुनवाई
21 मार्च को होगी अगली सुनवाई
न्यायाधीश आरिफ डॉक्टर की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पिछले सप्ताह ट्रेडमार्क विवाद को निपटाने के लिए मध्यस्थता का सहारा लेने का सुझाव दिया था।
इसके बाद दोनों भाई विवाद का समाधान करने के तैयार हो गए, जिसके बाद मध्यस्थ नियुक्त किया गया।
अदालत ने कहा, ''अगर मध्यस्थ को लगता है कि सकारात्मक प्रगति हुई है तो समय बढ़ा दिया जाएगा। अगर, मध्यस्थता विफल हो जाती है तो मामले को 21 मार्च को अंतरिम राहत के लिए सूचबीद्ध किया जाएगा।''
मामला
क्या था मामला?
अभिषेक लोढ़ा की मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड ने इस महीने की शुरुआत में अभिनंदन लोढ़ा की रियल एस्टेट कंपनी 'द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा' के खिलाफ हाई कोट में मुकदमा दायर किया था।
इसमें दावा किया कि 'लोढ़ा' नाम उनका ट्रेडमार्क है और कोई अन्य इसका उपयोग नहीं कर सकता है।
अभिनंदन की कंपनी से 5,000 करोड़ रुपये के हर्जाने के साथ एक अंतरिम आवेदन में प्रतिवादियों के खिलाफ अपने ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने से स्थायी निषेधाज्ञा मांगी थी।