AI और अन्य वजहों से 2025 में इतने टेक कर्मचारियों की हो चुकी है छंटनी
क्या है खबर?
मेटा, अमेजन और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन पर ध्यान बढ़ाते हुए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। छंटनी ट्रैक करने वाली वेबसाइट लेऑफ्स के अनुसार, इस साल 212 तकनीकी कंपनियों में 91,700 से अधिक कर्मचारियों की नौकरियां जा चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है, क्योंकि कई कंपनियां छंटनी की सूचना सार्वजनिक नहीं करती हैं।
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मेटा और अमेजन में हजारों पदों की कटौती
मेटा ने अपने AI विभाग में करीब 600 पदों की छंटनी की घोषणा की है। यह कदम संचालन को सुचारू और चुस्त बनाने की दिशा में उठाया गया है। इससे पहले अप्रैल में कंपनी ने 3,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाला था। वहीं, अमेजन भी ऑटोमेशन पर ध्यान बढ़ा रहा है और रोबोटिक्स में निवेश कर रहा है। कंपनी अपने मानव संसाधन विभाग में 15 प्रतिशत कर्मचारियों की कटौती की योजना बना रही है।
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माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल और गूगल पर भी अस
छंटनी का असर अन्य दिग्गज कंपनियों पर भी दिख रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल बिक्री, मार्केटिंग और इंजीनियरिंग विभागों में 15,000 नौकरियां घटाई हैं। इंटेल करीब 25,000 कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है, ताकि चिप उत्पादन को सुव्यवस्थित किया जा सके। गूगल और सेल्सफोर्स ने भी स्वचालन को बढ़ावा देते हुए कई पदों को खत्म किया है। इससे संकेत मिलता है कि AI तकनीक मानव भूमिकाओं की जगह ले रही है।
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भारत की IT कंपनियां भी प्रभावित
भारत की प्रमुख IT कंपनी TCS ने AI फर्स्ट ऑपरेशन मॉडल के तहत 20,000 कर्मचारियों की छंटनी शुरू की है। कंपनी का कहना है कि ये बदलाव कौशल आधारित और निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं, जिससे 10,000 से अधिक नौकरियां प्रभावित हुई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, 2025 में छंटनी का यह दौर जल्द रुकने के आसार नहीं दिख रहे हैं।