क्या पर्सनल लोन को रीफाइनेंस कराना है सही? जानिए इसके फायदे
क्या है खबर?
पर्सनल लोन काे रीफाइनेंस कराना ऐसी वित्तीय रणनीति है, जो आपको पैसों की बचत कराने में मदद कर सकता है। इससे मासिक EMI कम करने के साथ ब्याज दर में कटौती कर सकते हैं। कई बैंक और वित्तीय संस्थाएं ब्याज दरें लगातार बदलती रहती हैं। अगर, आपकी आय में वृद्धि हुई, क्रेडिट स्कोर अच्छा है और मौजूदा बैंक की ब्याज दर अधिक है तो आप विकल्प चुन सकते हैं। आइये जानते लोन को रीफाइनेंस करने के क्या फायदे हैं।
फायदे
ये मिलते हैं रीफाइनेंस कराने के फायदे
कम EMI: रीफाइनेंस से ब्याज दर कम होने से मासिक भुगतान आसान हो जाता है। कम अवधि के विकल्प: जल्दी भुगतान अवधि चुनने से कुल ब्याज लागत कम हो जाती है, जिसका बाद में बड़ा फायदा मिलता है। एकत्रीकरण का लाभ: अगर, आपके पास कई छोटे लोन हैं तो एक जगह करने से सभी को सुव्यवस्थित करने की सुविधा मिलती है। नियम और शर्तें: रीफाइनेंस आवेदक की सुविधा और लाभ के अनुसार रीपेमेंट नियमों को फिर से निर्धारित करता है।
मूल्यांकन
आवेदन से पहले ऐसे करें मूल्यांकन
रीफाइनेंस के लिए आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि यह बदलाव वास्तव में फायदेमंद है या सिर्फ दिखावटी है। अपने मौजूदा बैंक की ओर से लगाए गए प्री-पेमेंट शुल्क की जांच करें। कुछ बैंक फोर क्लोजर शुल्क वसूल करती हैं। इसलिए, बैंक की नियम-शर्तों को ध्यान से पढ़ें। लोन के शुरुआती दौर में री-फाइनेंस कराने पर अधिक बचत होती है। इसके अलावा अपने क्रेडिट स्कोर पर नजर रखें और 750 से अधिक हो, तब ही आवेदन करें।