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ईरान-इजरायल संघर्ष से भारतीय विमानन संचालन कंपनियों की सप्लाई चेन पर मंडरा रहा खतरा- रिपोर्ट 
विमानन MRO कंपनियों की सप्लाई चेन पर मंडरा रहा खतरा (तस्वीर: पिक्साबे)

ईरान-इजरायल संघर्ष से भारतीय विमानन संचालन कंपनियों की सप्लाई चेन पर मंडरा रहा खतरा- रिपोर्ट 

Jun 23, 2025
03:47 pm

क्या है खबर?

इजरायल और ईरान के बीच तनाव के चलते भारत के विमानन रखरखाव, मरम्मत और संचालन (MRO) क्षेत्र पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमले और ईरान द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की मंजूरी के बाद सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है। भारत में 80 प्रतिशत इंजीनियरिंग जरूरतें आयात पर निर्भर हैं, जिससे विमान पुर्जों की उपलब्धता पर असर हो सकता है।

आशंका 

विमानन पुर्जों की आपूर्ति में संकट की आशंका 

भारत की ज्यादातर MRO कंपनियां अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों से विमान पुर्जे मंगाती हैं। अगर युद्ध बढ़ा और आपूर्ति प्रभावित हुई, तो विमान उड़ानों में भारी देरी हो सकती है। AIESL जैसे संगठनों का मानना है कि भारी जांच और दोबारा डिलीवरी प्रक्रियाओं पर भी बड़े स्तर पर इसका असर पड़ेगा। पहले ही सप्लाई चेन में गंभीर रुकावट देखा जा चुका है और यह स्थिति भविष्य में और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।

असर 

घरेलू कंपनियों की सेवाओं पर भी असर 

अगर कुछ महीनों में सप्लाई चेन पूरी तरह बाधित होती है, तो भारत की MRO कंपनियां कई वाणिज्यिक और मालवाहक विमानों की समय पर मरम्मत नहीं कर पाएंगी। इससे घरेलू एयरलाइनों को मलेशिया, सिंगापुर और मध्य पूर्व जैसे देशों में विदेशी MRO सेवाओं का तेजी से अधिक सहारा लेना पड़ सकता है। इससे परिचालन लागत बढ़ेगी और घरेलू तकनीकी क्षमता पर निर्भरता धीरे-धीरे घटेगी। पहले से ही कई प्रमुख भारतीय एयरलाइंस मरम्मत कार्य भारत से बाहर करवा रही हैं।

प्रभाव 

विस्तार और भविष्य की योजनाओं पर प्रभाव 

भारत का विमानन पुर्जा बाजार 2033 तक लगभग दोगुना होने की संभावना है, लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव इसका रास्ता रोक सकता है। एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज और एयर वर्क्स इंडिया जैसी कंपनियों की बड़ी उपस्थिति है, जो कई अंतरराष्ट्रीय स्थानों पर सेवाएं देती हैं, लेकिन सप्लाई में रुकावट इनकी विस्तार की गति को धीमा कर सकती है। सरकार का कहना है कि असर की सटीक भविष्यवाणी अभी मुश्किल है, लेकिन आवश्यक तैयारी जारी है।