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गाड़ियों और मोबाइल फोन जैसी चीजों पर अधिक पैसे खर्च कर रहे हैं भारतीय- रिपोर्ट
अब लोग खर्च करने का तौर-तरीका बदल रहे हैं (तस्वीर: पिक्साबे)

गाड़ियों और मोबाइल फोन जैसी चीजों पर अधिक पैसे खर्च कर रहे हैं भारतीय- रिपोर्ट

Nov 25, 2025
02:44 pm

क्या है खबर?

भारत में अब लोग खर्च करने का तौर-तरीका बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार अब रोजमर्रा की चीजों की बजाय टिकाऊ सामान पर ज्यादा पैसा लगा रहे हैं। कपड़े और जूतों की जगह लोग पर्सनल सामान, रसोई और घरेलू उपकरण खरीदना पसंद कर रहे हैं। यह बदलाव सबसे गरीब 40 प्रतिशत परिवारों में भी साफ दिख रहा है, जिससे पता चलता है कि पूरे देश में खर्च की दिशा बदल रही है।

निवेश

कौन कर रहा है सबसे ज्यादा निवेश? 

रिपोर्ट में पाया गया कि टिकाऊ सामान में निवेश की सबसे तेज रफ्तार निचले 40 प्रतिशत परिवारों में देखी जा रही है पहले जहां ये परिवार केवल जरूरी चीजों पर खर्च करते थे, अब वे मोटर वाहन, रेफ्रिजरेटर और स्मार्टफोन जैसी चीजें खरीदने लगे हैं। बढ़ती जागरूकता, आसान लोन और बाजार तक बेहतर पहुंच ने इन्हें ताकत दी है। शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में लोग अब अपनी बुनियादी सुविधाओं को अपग्रेड करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

सामान

लोग कहां-कहां कर रहे हैं निवेश?

मोटर व्हीकल सबसे तेजी से बढ़ने वाला टिकाऊ सामान है, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों ही तेजी से निवेश कर रहे हैं। मोबाइल फोन लगभग हर परिवार तक पहुंच चुका है और टीवी की जगह ले रहा है। रेफ्रिजरेटर की खरीद तेजी से बढ़ी है, खासकर गरीब ग्रामीण परिवारों में जहां इसका मालिकाना हक 7 गुना से ज्यादा बढ़ा है। लोग अब ऐसी चीजें खरीद रहे हैं जो जिंदगी को आसान बनाने के साथ-साथ लंबे समय तक फायदा देती हैं।

अन्य

टिकाऊ चीजें क्यों हो रही हैं महत्वपूर्ण? 

रिपोर्ट बताती है कि टिकाऊ चीजें जीवन स्तर को बेहतर बनाती हैं। इससे महिलाओं की काम में भागीदारी बढ़ती है और परिवारों की प्रोडक्टिविटी भी सुधरती है। वे परिवार बेहद कम रह गए हैं, जिनके पास कोई टिकाऊ सामान नहीं है। ऐसी कई तरह की चीजें रखने वाले परिवारों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। कुल मिलाकर यह बदलाव दिखाता है कि भारतीय परिवार तेजी से आर्थिक रूप से मजबूत होते जा रहे हैं।