भारतीय अर्थव्यवस्था की तूफानी रफ्तार, दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी GDP
क्या है खबर?
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। इस दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ने 8.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि की है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में ये दर 5.6 प्रतिशत थी। इन आंकड़ों ने कई अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है, क्योंकि विशेषज्ञ अमेरिकी टैरिफ के चलते अर्थव्यवस्था के दबाव में होने की आशंका जता रहे थे।
रिकॉर्ड
बीती 6 तिमाही के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची विकास दर
8.2 प्रतिशत की विकास दर का आंकड़ा बीती 6 तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। पिछली तिमाही में भारत की GDP 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में स्थिर मूल्यों पर देश की GDP 48.63 लाख करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले 44.94 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं, नॉमिनल GDP 8.7 प्रतिशत बढ़कर 85.25 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
क्षेत्र
कौनसा क्षेत्र कितनी रफ्तार से बढ़ा?
आंकड़ों के मुताबिक, प्राथमिक क्षेत्रों ने 3.1 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की। कृषि क्षेत्र 3.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ा। खनन में केवल 0.04 प्रतिशत की गिरावट हुई। वहीं, द्वितीयक क्षेत्रों ने सालाना आधार पर 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने अकेले ही 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि पिछले साल ये केवल 2.2 प्रतिशत था। इसके बाद निर्माण क्षेत्र में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। सेवा क्षेत्र में भी दमदार प्रदर्शन किया है।
वजह
विकास दर ने क्यों तोड़े सारे अनुमान?
भारत की मजबूत GDP वृद्धि की 3 प्रमुख वजहें सामने आईं है- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और निर्यात में वृद्धि। हालांकि, निजी निवेश और शहरी मांग अभी भी धीमी है। इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए केयरएज रेटिंग्स की चीफ इकोनॉमिस्ट रजनी सिन्हा ने कहा, "दूसरी तिमाही में कृषि, उत्पादन और निर्माण की वजह से आर्थिक गतिविधियों में लगातार रिकवरी हुई है।" यही वजह है कि GDP वृद्धि दर ने अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
जानकारी
प्रधानमंत्री बोले- आंकड़े हमारी नीतियों का असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'यह आंकड़े हमारी विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियों-सुधारों का असर दिखाते हैं। यह हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और हिम्मत को भी दिखाते हैं। हमारी सरकार सुधारों को बढ़ाती रहेगी और हर नागरिक के लिए इज ऑफ लिविंग मजबूत करेगी।'
रफ्तार
इन कारणों ने अर्थव्यवस्था को दी रफ्तार
सितंबर तिमाही में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स औसतन 4.1 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले यह 2.7 प्रतिशत बढ़ा था। सरकारी खर्च 31 प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल पहले केवल 10 प्रतिशत था। हालांकि, पिछली तिमाही में ये 52 प्रतिशत पर था। मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 8.8 प्रतिशत बढ़ा, जिसमें पिछले साल इसी तिमाही में 7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। बेहतर कृषि उत्पादन से ग्रामीण खर्च में सुधार हुई, जिससे घरेलू खपत भी बेहतर हुई।