भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट, फरवरी में 56.3 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंचा
क्या है खबर?
भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में फरवरी, 2025 में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जनवरी के 57.7 से घटकर फरवरी में 56.3 पर आ गया, जो दिसंबर 2023 के बाद सबसे निचला स्तर है।
इससे साफ है कि नए ऑर्डर और उत्पादन की रफ्तार कम हुई है। निर्यात ऑर्डर तो बढ़े हैं, लेकिन कुल मांग जनवरी से कमजोर रही। नौकरियों में भी कोई बड़ा इजाफा नहीं हुआ है।
बाजार
बढ़ती लागत और बाजार पर असर
HSBC के मुताबिक, कई कंपनियां बढ़ती उत्पादन लागत का सामना कर रही हैं, लेकिन वे इसे ग्राहकों से वसूल कर रही हैं। हालांकि, उत्पादन गतिविधि थोड़ी कमजोर हुई है, लेकिन कंपनियां आगे सुधार की उम्मीद कर रही हैं।
HSBC रिपोर्ट के अनुसार, केवल 10 प्रतिशत कंपनियों ने भर्ती बढ़ाई, जबकि 1 प्रतिशत ने कर्मचारियों की संख्या घटाई। इसके बावजूद, मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां आने वाले महीनों में बाजार में मांग में सुधार की उम्मीद कर रही हैं।
चुनौतियां
आर्थिक वृद्धि और चुनौतियां
भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। तीसरी तिमाही में विकास दर 6.2 प्रतिशत रही, जो पिछली तिमाही के 5.6 प्रतिशत से अधिक है। सरकार को उम्मीद है कि यह 6.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।
HSBC की रिपोर्ट के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर पिछले साल के 12.3 प्रतिशत से घटकर 4.3 प्रतिशत तक आ सकती है। इसके अलावा, कुल अर्थव्यवस्था में इस सेक्टर का योगदान 16 प्रतिशत से गिरकर 15.7 प्रतिशत रह गया है।