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अगस्त में भारत की फैक्ट्री वृद्धि दर 17 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची
भारत की फैक्ट्री वृद्धि दर उच्चतम स्तर पर पहुंची

अगस्त में भारत की फैक्ट्री वृद्धि दर 17 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची

Sep 01, 2025
01:09 pm

क्या है खबर?

भारत मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अपने कदम तेजी से आगे बढ़ा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में देश की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां 17 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। मजबूत मांग और उत्पादन में तेजी ने इस उपलब्धि को संभव बनाया। S&P ग्लोबल द्वारा जारी HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI जुलाई के 59.1 से बढ़कर अगस्त में 59.3 पर पहुंच गया। यह फरवरी, 2008 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है, जो गतिविधियों के बढ़ते विस्तार को दर्शाता है।

कारण

आर्थिक मजबूती के कारण 

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो अनुमानों से काफी अधिक है। मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन सालाना आधार पर 7.7 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछली तिमाही में यह 4.8 प्रतिशत था। मजबूत घरेलू मांग और विज्ञापन अभियानों ने इस रफ्तार को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, अमेरिका द्वारा भारतीय आयातों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने से निर्यात प्रभावित हुआ, फिर भी घरेलू मांग ने अर्थव्यवस्था को सहारा दिया।

 निर्यात 

रोजगार और निर्यात की स्थिति

अगस्त में नए ऑर्डर तेजी से बढ़े, लेकिन निर्यात ऑर्डर की रफ्तार 5 महीनों में सबसे धीमी रही। अमेरिकी टैरिफ के कारण विदेशी खरीदार सतर्क रहे, लेकिन एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व से ऑर्डर मिलते रहे। कंपनियों ने लगातार 18वें महीने रोजगार बढ़ाया, लेकिन यह गति नवंबर, 2024 के बाद सबसे धीमी रही। इसके बावजूद, लंबे समय के औसत की तुलना में रोजगार मजबूत बना रहा। इससे संकेत मिलता है कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र विस्तार की राह पर कायम है।

चुनैतियां 

महंगाई और भविष्य की चुनैतियां 

मांग में तेजी से मुद्रास्फीति का दबाव भी बढ़ा। इनपुट-आउटपुट की कीमतें 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। स्टील, खनिज, चमड़ा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की लागत बढ़ने से कंपनियों ने कीमतों का बोझ ग्राहकों पर डाला। अगस्त में क्रय गतिविधियां 16 महीनों में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ीं, ताकि कंपनियां इन्वेंट्री फिर से भर सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू मांग भरोसा बढ़ा रही है, लेकिन अमेरिकी टैरिफ भविष्य की वृद्धि के लिए चिंता बने हुए हैं।