
भारत करीब 2,000 अरब रुपये के अमेरिकी आयात पर घटा सकता है टैरिफ- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारत, अमेरिका से आयातित 23 अरब डॉलर (लगभग 1,970 अरब रुपये) के उत्पादों पर टैरिफ कम करने की योजना बना रहा है।
यह कदम अमेरिका के संभावित पारस्परिक टैरिफ के असर को कम करने के लिए उठाया जा सकता है। सरकार चाहती है कि कुछ उत्पादों पर टैरिफ काफी घटाया जाए या पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए।
यह निर्णय दोनों देशों के व्यापारिक संतुलन को बनाए रखने के लिए लिया जा सकता है।
बातचीत
व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत जारी
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का पहला चरण पूरा करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
समझौते के तहत भारत 55 प्रतिशत अमेरिकी आयात पर टैरिफ घटाने के लिए तैयार हो सकता है। यह कदम अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय निर्यात पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए उठाया जा सकता है।
भारत को 66 अरब डॉलर (लगभग 5,650 अरब रुपये) के निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है। इसलिए, नई दिल्ली अमेरिकी टैरिफ से पहले समझौता करना चाहती है।
उत्पाद
किन उत्पादों पर टैरिफ में कटौती हो सकती है?
भारत मोती, खनिज ईंधन, मशीनरी और बिजली उपकरणों जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण उत्पादों पर टैरिफ कम कर सकता है।
इसके अलावा, बादाम, पिस्ता, दलिया और क्विनोआ पर भी शुल्क में राहत दी जा सकती है। हालांकि, मांस, मक्का, गेहूं और डेयरी उत्पादों पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
भारत व्यापक टैरिफ सुधार की भी योजना बना सकता है, लेकिन यह अमेरिका के साथ मौजूदा व्यापार वार्ता का हिस्सा नहीं होगा।
रणनीति
भारत की रणनीति और अमेरिकी दबाव
भारत व्यापक टैरिफ कटौती के लिए तैयार नहीं है और अपने आर्थिक हितों की रक्षा करना चाहता है।
सरकार ऑटोमोबाइल टैरिफ में चरणबद्ध कटौती पर विचार कर सकती है। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने टैरिफ में और अधिक कमी करे, लेकिन मोदी सरकार संतुलित नीति अपनाने की रणनीति पर काम कर रही है।
भारत के अधिकारी मानते हैं कि बड़ी टैरिफ कटौती से घरेलू उद्योगों पर असर पड़ सकता है, इसलिए यह सोच-समझकर फैसला लिया जाएगा।