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भारत ने स्टील आयात पर लगाया टैरिफ लगाया, सस्ते चीनी आयात पर सख्ती
सरकार ने स्टील उत्पादों के आयात पर टैरिफ लगाया है

भारत ने स्टील आयात पर लगाया टैरिफ लगाया, सस्ते चीनी आयात पर सख्ती

लेखन आबिद खान
Dec 31, 2025
11:18 am

क्या है खबर?

सरकार ने घरेलू स्टील निर्माताओं के हित में बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने 3 साल के लिए स्टील उत्पादों पर 11 से 12 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इस कदम को बाहरी देशों खासतौर पर चीन से आने वाले सस्ते और कम गुणवत्ता वाले स्टील के निर्यात पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि कुछ विकासशील देशों और 'स्टेनलेस स्टील' जैसी विशेष श्रेणियों को इस दायरे से बाहर रखा गया है।

फैसला

क्या कहता है सरकारी आदेश?

वित्त मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, कुछ स्टील उत्पादों पर 11 से 12 प्रतिशत के बीच 3 साल तक आयात शुल्क लगाया गया है। इसे आम तौर पर सेफगार्ड ड्यूटी कहा जाता है। आदेश के अनुसार, पहले साल ये शुल्क 12 प्रतिशत, दूसरे साल 11.5 प्रतिशत और तीसरे साल 11 प्रतिशत होगा। इससे पहले अप्रैल में सरकार ने 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत की अंतरिम सेफगार्ड ड्यूटी लगाई थी।

वजह

क्यों लगाया गया टैरिफ?

सरकार ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भारतीय बाजार में हो रही स्टील की डंपिंग को रोकना और स्थानीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में बनाए रखना है। आदेश में कहा गया है, "भारत में हाल ही में स्टील में हुई अचानक, तीव्र और उल्लेखनीय वृद्धि ने घरेलू उद्योग के उत्पादकों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है और भविष्य में भी नुकसान पहुंचाने की आशंका है। इसी कारण से संबंधित वस्तुओं के आयात पर अस्थायी सुरक्षा शुल्क लगाना जरूरी हो गया है।"

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कंपनियां

भारतीय कंपनियों को फायदा, शेयरों में तेजी

इस आयात शुल्क से घरेलू स्टील कंपनियों जैसे टाटा स्‍टील, JSW स्‍टील और सेल जैसी कंपनियों को फायदा होना तय है। आदेश आते ही घरेलू स्टील कंपनियों के शेयर में तेजी देखने को मिली है। खबर लिखे जाने तक JSW स्टील के शेयर में 4.57 प्रतिशत, जिंदल स्टील में 3.97 प्रतिशत, जिंदल स्टेनलेस में 3.42 प्रतिशत, NMDC स्टील में 1.83 प्रतिशत, टाटा स्टील में 2.20 प्रतिशत और NMDC के शेयर में 0.34 प्रतिशत की तेजी आई है।

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कदम

DGTR ने की थी सिफारिश

व्यापार सुरक्षा मामलों की जांच करने वाली संस्था डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGtR) ने अपनी जांच में पाया था कि हाल के दिनों में स्टील के आयात में अचानक और तीव्र वृद्धि हुई है। इस बढ़ोतरी ने घरेलू निर्माताओं को नुकसान पहुंचाया है और आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को पाने में बाधा उत्पन्न की है। इसी सिफारिश के आधार पर सरकार ने अप्रैल में 200 दिनों के लिए अस्थायी शुल्क लगाया था, जिसे अब बढ़ाया गया है।

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