
भारत की आर्थिक विकास दर में बढ़ोतरी; GDP 7.4 प्रतिशत दर्ज, सालाना विकास दर घटी
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम तिमाही के जनवरी से मार्च तक के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें विकास दर में अच्छी बढ़ोतरी हुई है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक, मार्च में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही, जो पिछली तिमाहियों में सबसे अधिक है।
हालांकि, पूरे वित्तीय वर्ष 2025 में GDP 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो 4 साल के निचले स्तर पर है।
विकास दर
पिछली तिमाहियों में कैसी थी GDP वृद्धि दर
वित्तीय वर्ष 2024-25 की पिछली तिमाहियों में आर्थिक विकास दर काफी कम थी, जो इस बार अंतिम तिमाही में बढ़ गई है।
अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में GDP दर 6.4 प्रतिशत थी, जबकि इससे पहले की दूसरी तिमाही में यह 5.6 प्रतिशत थी।
इस बार की यह बढ़ोतरी अनुमान से काफी अधिक है। अर्थशास्त्रियों ने मौजूदा तिमाही की GDP दर में 6.85 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जताई थी, जबकि यह काफी बेहतर 7.4 प्रतिशत रही।
असर
सालाना आधार पर कम रही विकास दर
भले ही तिमाही आधार पर विकास दर में काफी अच्छी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सालाना आधार पर इसमें कमी देखी गई है, जो 6.5 प्रतिशत है।
यह पिछले वर्ष इसी अवधि जनवरी से मार्च के बीच में 8.4 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष 2025 की अंतिम तिमाही की GDP इस लिहाज से 4 साल के निचले स्तर पर है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत और महंगाई दर 3.2 प्रतिशत रहेगी।
विकास
GDP में वृद्धि के कारण क्या रहे?
वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही की GDP में आई बढ़ोतरी की वजह अच्छा मानसून, ग्रामीण मांग में सुधार, बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी, कृषि उत्पादन और निवेश रहा है।
निर्माण के क्षेत्र में GDP वृद्धि 9.4 से बढ़कर 10.8 प्रतिशत, रियल इस्टेट की GDP में 7.2 प्रतिशत से बढ़कर 7.8 प्रतिशत, कृषि आदि में 4.4 प्रतिशत से बढ़कर 5.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखी है।
इससे आगे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।