अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का भारतीय शेयर बाजार पर कैसे प्रभाव पड़ता?
क्या है खबर?
भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की हालिया ब्याज दर कटौती का असर देखने को मिल रहा है। फेड ने बुधवार को 25 आधार अंकों की कमी की है, जिससे दर अब 3.75 प्रतिशत से 4.00 प्रतिशत के बीच आ गई। यह इस साल दूसरी बार है जब फेड ने दरें घटाईं। विश्लेषकों का कहना है कि इससे भारत सहित उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ सकता है, लेकिन इसका असर सीमित रह सकता है।
उम्मीद
फेड अध्यक्ष ने अगली कटौती की उम्मीद घटाई
फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि दिसंबर, 2025 में ब्याज दरों में दोबारा कटौती की संभावना अभी बहुत कम है। उन्होंने यह भी बताया कि बाजार की उम्मीदें पहले से तय नहीं मानी जा सकतीं। पॉवेल के मुताबिक, दिसंबर में दरों में कटौती की संभावना करीब 68 प्रतिशत है। उनके बयान के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में मिला-जुला रुख देखने को मिला, जबकि एशियाई बाजारों में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई।
प्रभाव
शेयर बाजार पर सीधा असर कैसे पड़ता है?
ब्याज दरों में कमी आमतौर पर बाजार के लिए अच्छी मानी जाती है, क्योंकि इससे पैसों की उपलब्धता बढ़ती है और निवेशकों को उधार लेना सस्ता पड़ता है। इससे भारत जैसे देशों में विदेशी निवेश बढ़ सकता है और पूंजी का प्रवाह तेज़ हो सकता है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि सिर्फ ब्याज दर घटने से बाजार में तुरंत तेजी नहीं आएगी। यह फैसला लंबे समय में फायदेमंद होगा, लेकिन फिलहाल असर कम दिखेगा।
राय
विशेषज्ञों की राय और तकनीकी संकेत
विशेषज्ञों का कहना है कि फेड का फैसला भारत के लिए अच्छा साबित हो सकता है, क्योंकि इससे बाजार में पैसों का प्रवाह बढ़ेगा और विदेशी निवेशक आकर्षित होंगे। तकनीकी चार्ट दिखाते हैं कि निफ्टी 50 अपने अहम स्तरों से ऊपर बना हुआ है। 26,100 से 26,150 तक इसका रुकाव रहेगा, जबकि 25,800 से 25,850 तक अच्छा सहारा मिलेगा। अगर निफ्टी 26,150 के ऊपर निकलता है, तो यह 26,350 तक जा सकता है और निवेशकों का भरोसा और मजबूत करेगा।