
आपके द्वारा खरीदे गए सोने के आभूषण कितने हैं शुद्ध? मिनटों में लगाएं पता
क्या है खबर?
दिवाली पर सोना खरीदना लंबे समय से एक रस्म बन हुई है। आप भी इस मौके पर सोने के आभूषण खरीदने की योजना बना रहे हैं तो पैसा देने से पहले कुछ सावधानी बरतने की भी जरूरत है। इस दौरान सोने में मिलावट होने की पूरी संभावना रहती है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उसकी शुद्धता उतनी ही है, जितनी जौहरी दावा कर रहा है। आइए जानते हैं सोने की शुद्धता जांचने का आसान तरीका क्या है।
हॉलमार्क
ऐप की सहायता से लगाएं पता
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) हॉलमार्क देखना सोने की शुद्धता की जांच करने का सबसे आसान और विश्वसनीय तरीका है। अब हर असली सोने के आभूषण पर एक छोटी-सी मुहर लगी होती है, जो आपको उसका कैरेट, BIS लोगो और हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (HUID) नंबर बताती है। यह HUID आभूषण के पहचान पत्र की तरह होता है। आप इसे BIS केयर ऐप पर तुरंत सत्यापित कर सकते हैं। इससे आपको पता चल जाएगा कि सोना कितना खरा है।
तरीका
इस ऑनलाइन तरीके से भी लगा सकते हैं पता
ऑनलाइन सोने की शुद्धता जांचने के लिए आपको सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर जाकर BIS केयर ऐप डाउनलोड करें। अब आभूषण पर लिखे 6 अंकों के HUID नंबर को देखें। इसके बाद ऐप में जाकर 'वेरिफाई HUID' वाले विकल्प में जाकर HUID नंबर दर्ज करें और 'सर्च' बटन पर क्लिक करें। इसी के साथ आपको पता चल जाएगा कि सोना कितना शुद्ध है, इसकी हॉलमार्किंग कब और कहां हुई है।
ऑफलाइन
ऑफलाइन इस तरह से कर सकते हैं जांच
ऐप में दी गई जानकारी अगर, जौहरी की आभूषण को लेकर दी गई जानकारी से मेले नहीं खाती है तो समझ जाएं कि आपके साथ धोखा हुआ है। आप इसको लेकर ऐप के जरिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आप BIS की ओर से मान्यता प्राप्त हॉलमार्किंग सेंटर्स पर जाकर भी सोने की जांच करा सकते हैं। इसके लिए आपको 45 रुपया शुल्क देना होता है। अगर, शुद्धता कम पाई जाती है, तो खरीदार मुआवजे का भी हकदार होगा।
शुद्धता
कैसी होती है आभूषणों की शुद्धता?
सभी सोने के आभूषण एक जैसी शुद्धता के नहीं होते हैं। कैरेट इसकी शुद्धता का मानक होता है। 24 कैरेट सबसे शुद्ध होता है, लेकिन रोजमर्रा के आभूषण बनाने के लिए मुलायम होता है। इसीलिए, बाजार में ज्यादातर आभूषण 22 कैरेट के होते हैं, जो 91.6 फीसदी शुद्ध होने के साथ-साथ टिकाऊ भी होता है। मजबूती और थोड़ी कम कीमत में 18 कैरेट से बने गहने अच्छा विकल्प होते हैं। कैरेट बढ़ने के साथ कीमत में भी इजाफा होता है।