
नौकरी छूटने के बाद अपने क्रेडिट स्कोर को सही कैसे रखें?
क्या है खबर?
नौकरी छूटने के बाद आय का स्रोत प्रभावित हो जाता है, जिससे लोन की EMI या क्रेडिट कार्ड भुगतान करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे समय पर आपका क्रेडिट स्कोर और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह आपकी क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है। थोड़ी सी देरी या चूक से भी स्कोर पर बड़ा असर पड़ता है और भविष्य में लोन या कार्ड लेने की क्षमता कम हो सकती है। बेरोजगारी के दौरान स्कोर को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।
#1
ऋण भुगतान को प्राथमिकता दें
आय रुकने पर सबसे पहले अपनी देनदारियों की सूची बनाना जरूरी है। होम लोन, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे भुगतानों को प्राथमिकता दें, क्योंकि इनकी देरी सीधे क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करती है। कोशिश करें कि कम से कम क्रेडिट कार्ड पर न्यूनतम भुगतान अवश्य करें, ताकि जुर्माने और डिफॉल्ट की सूचना से बच सकें। अगर बचत सीमित है तो उसे सबसे अधिक ब्याज वाले कर्जों को चुकाने में लगाएं।
#2
ऋणदाताओं से बातचीत करें
अगर भुगतान करना मुश्किल हो रहा हो, तो अपने बैंक या NBFC से सीधे संपर्क करें। अधिकतर ऋणदाता आर्थिक संकट में फंसे ग्राहकों को पुनर्गठन योजना, EMI कम करने या अस्थायी स्थगन जैसी सुविधा देते हैं। नौकरी छूटने की जानकारी समय रहते साझा करने पर आपके लिए भुगतान अनुसूची बदली जा सकती है। ऐसे समझौते के चलते आपका अकाउंट 'डिफॉल्ट' की बजाय 'पुनर्गठित' दर्ज होगा, जिससे क्रेडिट स्कोर को कम नुकसान होगा और भविष्य के लिए आपकी विश्वसनीयता बनी रहेगी।
#3
खर्च और क्रेडिट पर नियंत्रण रखें
बेरोजगारी की स्थिति में अनावश्यक खर्चों और नए लोन से बचें। रोजमर्रा के खर्च के लिए क्रेडिट कार्ड का अत्यधिक उपयोग न करें और हमेशा कोशिश करें कि क्रेडिट सीमा के 30 प्रतिशत से कम खर्च हो। जरूरी चीजों पर ही ध्यान दें और बचत का इस्तेमाल करें। नए कार्ड या लोन के लिए आवेदन करने से परहेज करें, क्योंकि इससे वित्तीय स्थिति पर सख्त निगरानी होती है। इस दौरान अनुशासित रहकर स्कोर को सुरक्षित रखा जा सकता है।