
नौकरी बदलने से आपके पर्सनल लोन आवेदन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
क्या है खबर?
पर्सनल लोन लेना आसान नहीं होता, क्योंकि बैंक और वित्तीय संस्थान पहले आपकी नौकरी की स्थिरता देखते हैं। अगर बार-बार नौकरी बदलते हैं, तो ऋणदाता आपकी आय और भुगतान क्षमता पर सवाल उठा सकते हैं। वहीं, एक ही नौकरी में 6 से 12 महीने तक टिके रहने से बैंक को भरोसा मिलता है कि आपकी आय स्थिर है। यही भरोसा लोन स्वीकृति की संभावना बढ़ा देता है और आपको बेहतर शर्तों पर पैसा मिल सकता है।
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नौकरी बदलने के तुरंत बाद के जोखिम
अगर आप हाल ही में नौकरी बदलने के तुरंत बाद पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक जोखिम मानते हैं। नई नौकरी को वह ट्रांजिशनल दौर समझते हैं, जहां आय स्थिर नहीं होती। खासकर अगर आप परिवीक्षा अवधि में हैं, तो आवेदन अस्वीकृत हो सकता है। कई बार बैंक लोन देते भी हैं, तो राशि कम होती और ब्याज दरें अधिक होती हैं। इससे साफ है कि नौकरी बदलते ही आवेदन करने से नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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कब फायदेमंद हो सकता है बदलाव?
हर नौकरी बदलना नकारात्मक नहीं माना जाता। अगर आप अधिक वेतन वाली नौकरी में जाते हैं और इससे आपकी आय बढ़ती है, तो बैंक इसे सकारात्मक मानते हैं। ज्यादा वेतन आपकी कर्ज चुकाने की क्षमता मजबूत करता है और बैंक ज्यादा लोन देने को तैयार रहते हैं। खासकर जब बदलाव उसी पेशे में करियर ग्रोथ के लिए हो और आपके पास सैलरी स्लिप जैसे जरूरी दस्तावेज हों, तब यह आपके लोन स्वीकृति की संभावना को और बेहतर कर देता है।
#3
सही समय पर करें आवेदन
वित्तीय विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नौकरी बदलने के तुरंत बाद लोन न लें। नई नौकरी में कम से कम 6 महीने रुककर आवेदन करना बेहतर होता है। इस दौरान आपकी परिवीक्षा अवधि पूरी हो जाती है और बैंक स्टेटमेंट में स्थिर आय का रिकॉर्ड दिखने लगता है। हालांकि, अगर नई नौकरी से आय में बहुत बढ़ोतरी होती है तो अपवाद मिल सकता है। समय का सही चुनाव आपके लोन को आसानी से और बेहतर शर्तों पर दिला सकता है।