
GST कटौती और त्योहारी सीजन से म्यूचुअल फंड ने ऑटो सेक्टर में बढ़ाई हिस्सेदारी
क्या है खबर?
त्योहारी सीजन और नीतिगत अनुकूल माहौल से ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश बढ़ रहा है। अगस्त में म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में ऑटो शेयरों का भार 8.5 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो 10 महीनों का उच्च स्तर है। जून में यह 7.9 प्रतिशत और जुलाई में 8 प्रतिशत था। BSE-200 में यह 8 प्रतिशत से ऊपर चला गया। PPFAS और HDFC फंड ने ऑटो सेक्टर में 11 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी ली है, जिससे निवेशकों का रुझान मजबूत दिख रहा है।
कंपनियां
बड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी
अगस्त में बड़े पैमाने पर खरीदारी देखने को मिली। मारुति सुजुकी की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत बढ़कर 4.62 करोड़ शेयर हुई, हीरो मोटोकॉर्प 2.4 प्रतिशत बढ़कर 3.03 करोड़ शेयर और बजाज ऑटो 1.91 करोड़ शेयर तक पहुंचा। मिड-कैप शेयरों में भी दिलचस्पी रही। अशोक लेलैंड 4.4 प्रतिशत चढ़कर 44.82 करोड़ शेयर और MRF 4.1 प्रतिशत बढ़कर 0.03 करोड़ शेयर पर पहुंचा। इन बढ़तों ने पूरे सेक्टर को मजबूती दी और निवेशकों को आकर्षित किया।
उछाल
GST कटौती और मांग में उछाल
निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने 6 महीनों में 28.7 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। सरकार ने ज्यादातर वाहनों पर GST को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया और बड़ी SUV पर टैक्स 40 प्रतिशत किया। 350cc तक की दोपहिया पर 18 प्रतिशत और प्रीमियम बाइक्स पर 40 प्रतिशत टैक्स है। कर कटौती, कम ब्याज दरें और सस्ती EMI से उपभोक्ता मांग बढ़ने की उम्मीद है। इससे प्रीमियम और छोटी कारों की बिक्री में तेजी आने की संभावना है।
दृष्टिकोण
भविष्य के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण
फंड मैनेजर त्योहारी मांग और सरकारी लाभ को सेक्टर के लिए बड़ा सहारा मानते हैं। उनका कहना है कि निफ्टी ऑटो का मूल्यांकन निफ्टी 50 से ऊंचा है, लेकिन मजबूत आय वृद्धि और बेहतर मार्जिन इसे उचित ठहराते हैं। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही के बाद वित्त वर्ष 26-27 के लिए आय में सुधार होगा। वेतन आयोग बढ़ोतरी और आयकर कटौती भी लाभ दे सकते हैं। अमेरिका से जुड़े टैरिफ खतरे सीमित बताए गए हैं।