
सरकार ने सेंसरशिप के आरोपों को लेकर की एक्स की आलोचना, जानिए क्या कहा
क्या है खबर?
सरकार ने एक्स (पहले ट्विटर) की ओर से सहयोग पोर्टल को 'सेंसरशिप पोर्टल' कहने की कड़ी निंदा की है और इस दावे को दुर्भाग्यपूर्ण और निराधार बताया है।
अधिकारियों ने कहा कि एक्स ने इसकी जो छवि पेश की वह इसके उद्देश्य को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है और सेंसरशिप की अनावश्यक चिंताएं पैदा करता है।
सरकार ने स्पष्ट किया कि इसे कानूनी निर्देशों की पालना सुगम बनाने और कंटेंट मॉडरेशन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बनाया है।
जवाब
सरकार ने एक्स पर लगाया यह आरोप
केंद्र सरकार ने एक्स की आलोचना करते हुए कहा कि वह बिना किसी जिम्मेदारी के सेफ हार्बर प्रोटेक्शन की मांग कर रहा है और तर्क दिया कि ऐसी मांग मौलिक रूप से दोषपूर्ण है।
अधिकारियों ने कहा कि यह एक्स को अपने विवेक पर यूजर्स कंटेंट को हटाने का अधिकार नहीं देता है, लेकिन उसको विनियामक निरीक्षण से बचाता है।
सेफ हार्बर एक सशर्त सुरक्षा है और प्लेटफॉर्म को कानूनी निष्कासन आदेशों को दरकिनार करने का अधिकार नहीं देता है।
नियम
नियमों की पालना से बचना चाहता है एक्स
सरकार ने यह भी कहा कि एक्स के पास अपने यूजर्स की ओर से टेकडाउन आदेशों को चुनौती देने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
यह भी कहा गया है कि कंटेंट विनियमों का अनुपालन आवश्यक है और प्लेटफॉर्म को जवाबदेही का विरोध करने के बजाय स्थापित कानूनी ढांचों का पालन करना चाहिए।
यह विवाद ऐसे समय सामने आया है, जब एलन मस्क की टेस्ला और स्टारलिंक भारत में आने की तैयारी कर रही है।