
H-1B वीजा शुल्क पर कंपनी की चुप्पी को लेकर गूगल कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
क्या है खबर?
अमेरिका में गूगल के कई कर्मचारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बढ़ाए गए H-1B वीजा शुल्क को लेकर प्रदर्शन किया है। नए आदेश के तहत नए H-1B वीजा पर 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) शुल्क लगाया गया है, जो मौजूदा शुल्क से काफी अधिक है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह अप्रवासी कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी समस्या है। यूनियन ने गूगल से नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों के लिए बेहतर सेवानिवृत्ति भुगतान की भी मांग की।
प्रतिक्रिया
कंपनी की चुप्पी और यूनियन की प्रतिक्रिया
अल्फाबेट वर्कर्स यूनियन के लगभग 25 सदस्य गूगल के लोअर मैनहट्टन कार्यालय के बाहर जमा हुए। उन्होंने गूगल की चुप्पी की आलोचना की, क्योंकि कंपनी ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था। कर्मचारियों का कहना था कि इससे उनके कानूनी अधिकारों और रोजगार की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने नए आदेश के खिलाफ अपने विरोध और गूगल से कार्रवाई की मांग जताई।
असर
H-1B शुल्क और तकनीकी कंपनियों पर असर
नया वीजा शुल्क बड़ा है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार बड़ी टेक कंपनियां इससे लाभ उठा सकती हैं। अमेजन, मेटा और गूगल जैसी कंपनियां उच्च कुशल कर्मचारियों के लिए यह शुल्क देने को तैयार हैं। अधिकांश टेक कंपनियों में H-1B कर्मचारी कुल कर्मचारियों का 15 प्रतिशत से कम हैं। ज्यादातर आवेदन नवीनीकरण वाले होते हैं और इसका सालाना R&D खर्च पर बहुत कम असर पड़ेगा, जिससे नई नियुक्तियों में भारी कटौती नहीं होगी।