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क्रेडिट स्कोर से जुड़ी इन गलतफहमियों को दूर करना है जरूरी
क्रेडिट स्कोर से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करना जरुरी है

क्रेडिट स्कोर से जुड़ी इन गलतफहमियों को दूर करना है जरूरी

Oct 21, 2025
08:31 am

क्या है खबर?

हम सभी जानते हैं कि क्रेडिट स्कोर लोन लेने वालों के लिए एक अहम पैमाना होता है, लेकिन इससे जुड़ी कई गलतफहमियां भी हैं। कुछ लोगों का मानना है कि क्रेडिट स्कोर देखने से यह घट जाता है, जबकि ऐसा नहीं है। यह केवल एक सॉफ्ट जांच होती है, जो आपके स्कोर को प्रभावित नहीं करती। वहीं, जब कोई बैंक लोन के लिए जांच करता है, तो वह हार्ड जांच कहलाती है और स्कोर पर असर डालती है।

#1

आय और बैलेंस को लेकर गलत धारणा

कई लोगों को लगता है कि आय बढ़ने से क्रेडिट स्कोर भी बढ़ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता। यह स्कोर आपकी उधारी की आदतों और समय पर भुगतान पर निर्भर करता है। इसके साथ ही, यह भी मिथक है कि हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड पर थोड़ा बैलेंस रखना अच्छा है। असल में, ऐसा करने से स्कोर पर बुरा असर पड़ता है। बेहतर यही है कि हर महीने पूरा बकाया समय पर चुका दिया जाए।

#2

शादी और कर्ज को लेकर भ्रम

कुछ लोग सोचते हैं कि शादी के बाद पति-पत्नी का क्रेडिट स्कोर एक जैसा हो जाता है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं होता। शादी के बाद केवल संयुक्त खाते और लोन रिपोर्ट में दिखाई देते हैं। वहीं, यह धारणा भी गलत है कि कर्ज हमेशा बुरा होता है। अगर आप समय पर कर्ज चुकाते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को सुधारने में मदद कर सकता है, जैसे शिक्षा या गृह ऋण के मामलों में।

#1

एक से अधिक क्रेडिट स्कोर का सच

कई लोग मानते हैं कि सिर्फ एक ही क्रेडिट स्कोर होता है, जबकि भारत में ऐसा नहीं है। यहां 4 प्रमुख एजेंसियां (सिबिल, एक्सपीरियन, इक्विफैक्स और क्रिफ हाई मार्क) अपनी-अपनी गणना पद्धति का इस्तेमाल करती हैं। इसी कारण अलग-अलग संस्थानों में स्कोर थोड़ा अलग हो सकता है। ऐसे में अपने सभी स्कोर पर हमेशा नजर रखना और उन्हें समय के साथ सुधारना एक बेहद समझदारी भरा और सुरक्षित कदम है।