
सरकार डाटा सेंटर्स को बेहतर बनाने के लिए दे सकती है 20 साल की कर छूट
क्या है खबर?
भारत सरकार देश की डिजिटल ताकत बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, राष्ट्रीय डाटा सेंटर नीति के मसौदे में डेवलपर्स को 20 साल तक कर छूट देने का प्रस्ताव है। यह छूट तभी मिलेगी जब वे क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा दक्षता और रोजगार सृजन के तय लक्ष्य पूरे करेंगे। यह मसौदा फिलहाल परामर्श के लिए भेजा गया है और तेजी से बढ़ती डाटा स्टोरेज व कंप्यूटिंग जरूरतों को देखते हुए तैयार किया गया है।
उद्देश्य
नीति का मुख्य उद्देश्य
इस नई नीति का मकसद भारत को क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडलिंग और डिजिटल सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनाना है। इसमें निर्माण सामग्री, कूलिंग सिस्टम और बिजली उपकरणों पर GST इनपुट टैक्स क्रेडिट देने की संभावना भी है। विदेशी कंपनियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, ताकि वे भारत में बड़े डाटा सेंटर बना सकें। इसके साथ ही, योग्य कंपनियों को AI विकास केंद्र या वैश्विक क्षमता केंद्र स्थापित करने के लिए भी बढ़ावा दिया जाएगा।
असर
उद्योग पर असर
भारत का डाटा सेंटर उद्योग पहले से ही तेजी से बढ़ रहा है। 2019 से यह हर साल 24 प्रतिशत की दर से बढ़ा है और 2027 तक कुल क्षमता 1,825 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। अभी अधिभोग दर 75 से 80 प्रतिशत के बीच है, जो मांग की मजबूती दिखाती है। नई नीति से टियर-2 और टियर-3 शहरों में नई नौकरियां मिलेंगी और AI, क्लाउड कंप्यूटिंग तथा साइबर सुरक्षा जैसी उन्नत तकनीकों में देश की क्षमता मजबूत होगी।
प्रावधान
जमीन और ऊर्जा के प्रावधान
मसौदा नीति में जमीन और बिजली की चुनौतियों का हल भी बताया गया है। राज्यों को औद्योगिक गलियारों और IT केंद्रों के पास जमीन चिह्नित करने को कहा जाएगा। बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए IT मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय और केंद्रीय पारेषण एजेंसियों के साथ काम करेगा। डेवलपर्स को नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल और ऊर्जा भंडारण पर प्रोत्साहन मिलेगा। बड़े डाटा सेंटरों के पास छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर लगाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।