कैफे कॉफी डे को दिवालियापन से राहत, NCLAT ने खारिज की प्रक्रिया
क्या है खबर?
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने कैफे कॉफी डे (CCD) की मूल कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (CDEL) के खिलाफ दिवालियापन प्रक्रिया को खारिज कर दिया है।
यह मामला IDBI ट्रस्टीशिप द्वारा 228 करोड़ रुपये की बकाया राशि को लेकर दायर किया गया था।
पहले, अगस्त 2024 में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद, कंपनी की निदेशक मालविका हेगड़े ने NCLAT में अपील की थी।
मामला
मामले की शुरुआत और कानूनी लड़ाई
सितंबर, 2023 में IDBI ट्रस्टीशिप ने दावा किया कि CDEL कर्ज नहीं चुका पाई। 2019 में कंपनी ने फंड जुटाया था, लेकिन 2020 तक कुछ जरूरी भुगतान नहीं किए।
इसके बाद, IDBI ट्रस्टीशिप ने कंपनी को डिफॉल्ट नोटिस भेजा और दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की। NCLT की बेंगलुरु पीठ ने अगस्त 2024 में इस याचिका को मंजूरी दे दी।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 21 फरवरी, 2025 तक NCLAT को निर्णय देने का आदेश दिया था।
अन्य मामला
इंडसइंड बैंक का मामला भी हुआ हल
कॉफी डे ग्लोबल को इंडसइंड बैंक ने 94 करोड़ रुपये की बकाया राशि के लिए दिवालियापन नोटिस भेजा था। 20 जुलाई, 2024 को, NCLT ने इसे दिवालिया घोषित कर दिया और एक समाधान पेशेवर नियुक्त किया।
हालांकि, बाद में इंडसइंड बैंक और कंपनी के बीच समझौता हो गया। बैंक ने अपना दावा वापस ले लिया और ऋण एक अन्य वित्तीय कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया। इसके बाद, NCLAT की चेन्नई पीठ ने दिवालियापन कार्यवाही को समाप्त कर दिया।
स्थिति
कैफे कॉफी डे की मौजूदा स्थिति
कैफे कॉफी डे की स्थापना 1996 में वी.जी. सिद्धार्थ ने की थी और यह भारत की सबसे बड़ी कॉफी चेन बन गई।
हालांकि, 2019 में सिद्धार्थ की मृत्यु के बाद कंपनी वित्तीय संकट में आ गई और उस पर 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया। उनकी पत्नी मालविका हेगड़े ने कंपनी की कमान संभाली और कर्ज कम करने का प्रयास किया।
2024 तक, CCD के कैफे की संख्या घटकर 450 रह गई, लेकिन वेंडिंग मशीन कारोबार में तेजी आई।