
डिजिटल भुगतान के लिए कल से लागू होगा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, जानिए क्या होगा इसका फायदा
क्या है खबर?
देश में बुधवार (8 अक्टूबर) से लोकप्रिय घरेलू भुगतान नेटवर्क यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से किए लेनदेन के सत्यापन का नया तरीका लागू होने जा रहा है। यूजर UPI के माध्यम से किए गए भुगतान को चेहरे की पहचान और उंगलियों के निशान का उपयोग करके सत्यापित कर सकेंगे। सूत्रों ने बताया कि यह प्रमाणीकरण भारत सरकार की विशिष्ट पहचान प्रणाली- आधार कार्ड के तहत संग्रहीत बायोमेट्रिक डाटा का उपयोग करके किया जाएगा।
योजना
नए फीचर को लेकर क्या है NPCI की योजना?
यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से हाल ही में जारी किए दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जिसमें प्रमाणीकरण के वैकल्पिक तरीकों की अनुमति दी गई है। यह वर्तमान प्रणाली से अलग होगा, जिसमें भुगतान प्रमाणीकरण के लिए संख्यात्मक पिन की आवश्यकता होती है। UPI का संचालन करने वाली भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में इस नए बायोमेट्रिक फीचर को प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।
कारण
इस कारण उठाया यह कदम
नया प्रमाणीकरण सिस्टम RBI के नए दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जिसमें लेनदेन सुरक्षा में सुधार और भुगतान विफलताओं को कम करने के लिए मजबूत और स्मार्ट प्रमाणीकरण तंत्र का प्रावधान किया है। OTP से संबंधित समस्याएं वर्तमान में लगभग 35 फीसदी लेनदेन विफलताओं के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा इस कारण भारत में डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी के कारण वित्त वर्ष 2025 में 520 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। नया सत्यापन तरीका इन समस्याओं के समाधान कर सकती है।