
अडाणी समूह ने की हिंडनबर्ग से जवाबदेही की मांग, जानिए क्या है पूरा मामला
क्या है खबर?
अडाणी समूह अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च से जवाबदेही की मांग कर रहा है। उसके आरोपों के कारण कंपनी को 150 अरब डॉलर (करीब 13,200 अरब रुपये) का नुकसान हुआ है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हाल ही में मौजूदा कानूनों के तहत समूह को किसी भी संबंधित पक्ष उल्लंघन से मुक्त कर दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, समूह के एक करीबी व्यक्ति ने सवाल उठाया कि निवेशकों को हुए नुकसान के लिए हिंडनबर्ग को कौन जवाबदेह ठहराएगा।
आरोप
हिंडनबर्ग ने क्या लगाए थे आरोप?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कुछ अडाणी समूह की कंपनियों ने एडीकॉर्प इंटरप्राइजेज के जरिए फंड ट्रांसफर किए और फिर एडीकॉर्प ने अडाणी पावर को अनडिस्क्लोज लोन दिया। खासतौर आरोप था कि अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर जैसी कंपनियों ने 2020 में लगभग 620 करोड़ रुपये का उधार एडीकॉर्प को दिया। फिर, एडीकॉर्प ने लगभग 610 करोड़ रुपये का अप्रत्यक्ष लोन अडाणी पावर को दे दिया, जो कि नियम के खिलाफ है।
क्लीन चिट
SEBI ने जांच में क्या पाया?
SEBI ने 2023 में हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच शुरू की। नियामक को अडाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी, बाजार में हेरफेर या धन के दुरुपयोग का कोई सबूत नहीं मिला। हिंडनबर्ग के दावों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त 6 सदस्यीय समिति ने भी समूह को किसी भी गड़बड़ी से मुक्त कर दिया। SEBI से क्लीन चिट मिलने के बाद समूह की 9 कंपनियों के शेयरों में 0.3-12.4 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी गई।