
कार की गति बढ़ाने पर क्यों होती है धीमी? जानिए इसके पीछे की वजह
क्या है खबर?
कई बार कार की गति बढ़ाते समय आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यह बढ़ने की बजाय अगर धीमी हो रही है तो यह ईंजन में खराबी का संकेत होता है। इंजन हवा, ईंधन और दहन के साथ मिलकर काम करता है। तीनों मिलकर पिस्टन को आवश्यक शक्ति प्रदान करते हैं। ईंजन को अधिक या पर्याप्त ईंधन की आपूर्ति नहीं होने से समस्या आती है। आइए जानते हैं गति बढ़ाने पर किन कारणों से कार धीमी होती है।
फ्यूल पंप
फ्यूल पंप से यह होगा
यह फ्यूल लाइंस के माध्यम से टैंक से इंजन तक ईंधन पहुंचाता है। इसके खराब होने या ठीक से काम न करने पर इंजन में ठीक से चलने के लिए पर्याप्त ईंधन नहीं होगा। जब आप पैडल दबाते हैं तो आपका एक्सलरेशन धीमा हो जाएगा। इसके अलावा कर्कश आवाज आना, इंजन बंद हो जाना, पहाड़ी पर चढ़ते समय शक्ति कम हो जाना भी अन्य कारण है। ये संकेत दिखने पर मैकेनिक से फ्यूल पंप की जांच कराकर इसे बदलवा दें।
फ्यूल इंजेक्टर
इसमें खराबी से पूरा नहीं पहुंचेगा ईंधन
फ्यूल इंजेक्टर वे नोजल होते हैं, जो इंटेक मैनिफोल्ड (थ्रॉटल बॉडी) से होकर इंजन के दहन कक्षों में ईंधन का छिड़काव करते हैं। अगर, इंजेक्टर बंद, क्षतिग्रस्त या खराब हो गए हैं तो वे इंजन में उचित मात्रा में ईंधन वितरित नहीं कर पाएंगे। इससे इंजन पूरी क्षमता से काम नहीं करेगा। इसके साथ ही गाड़ी का रुकना, चेक इंजन लाइट जलना और ईंधन की खपत कम होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी समस्याएं हों तो इंजेक्टर बदल दें।
MAF
मास एयरफ्लो (MAF) सेंसर क्या करता है काम?
MAF सेंसर इंजन में प्रवेश करने वाली हवा की मात्रा को मापता है। यह सुनिश्चित करता है कि आपका इंजन ठीक से काम कर रहा है। इसके काम नहीं करने पर गाड़ी को लगेगा कि इंजन में बहुत ज्यादा हवा है। इससे इंजन में ज्यादा ईंधन पहुंचेगा और जब आप गति बढ़ाएंगे तो लड़खड़ाहट महसूस होगी। इंजन स्टार्ट करने में दिक्कत आना भी इसका संकेत है। इसके अलावा थ्रॉटल पोजिशन सेंसर (TPS) में खराबी भी इसका कारण होती है।
फ्यूल फिल्टर
फ्यूल फिल्टर में खराबी से इंजन में क्या होगा नुकसान?
ज्यादातर गाड़ियों में 2 फ्यूल फिल्टर- एक फ्यूल टैंक में और दूसरा मुख्य फ्यूल लाइन में होता है। ये फिल्टर ईंधन में मौजूद गंदगी को इकट्ठा करके उसे इंजन में जाने से रोकते हैं। इनमें से कोई भी फिल्टर बंद होने पर कचरा इंजन तक पहुंच जाएगा, जिससे वह ठीक से काम नहीं करेगा। इसके अलावा इग्निशन सिस्टम, टाइमिंग बेल्ट, एक्सलरेटर पैडल सेंसर और ट्रांसमिशन सिस्टम में खराबी के साथ वैक्यूम लीक से भी परेशानी आती है।