
रेडियल और सामान्य टायर में से बाइक के लिए कौनसा है बेहतर? तुलना से समझें
क्या है खबर?
किसी भी वाहन में टायर महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है। सड़क पर सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए सही टायर का चुनाव बेहद जरूरी होता है।
टायर का चुनाव आपके दोपहिया वाहन के माइलेज और परफॉर्मेंस पर भी असर डालता है।
कई लोग इन्हें खरीदते समय इन बातों की अनदेखा कर देते हैं और गलत टायर खरीद लेते हैं। बाजार में 2 तरह- रेडियल और सामान्य टायर उपलब्ध हैं।
आइये जानते हैं इनमें क्या अंतर है और कौनसा बेहतर है।
उत्पादन
दोनों टायर्स के उत्पादन में क्या है अंतर?
दोनों तरह के टायर को बनाने की तकनीक में अंतर होता है। रेडियल टायर में स्टील बेल्ट्स और फैब्रिक की परतें यात्रा की दिशा में 90 डिग्री के कोण पर लगाई जाती हैं।
इससे यह टायर अधिक लचीला और मजबूत होता है।
सामान्य टायर में 30-45 डिग्री फैब्रिक प्लाई का उपयोग करके बनाए जाते हैं, जिन्हें क्रिस-क्रॉस पैटर्न में रखा जाता है।
ये तकनीक प्लाई टायर को सख्त बनाकर अधिक वजन सहन करने की क्षमता देती है।
माइलेज
कौनसा टायर देता है बेहतर माइलेज?
रेडियल टायर बेहतर ग्रिप और कम रोलिंग प्रतिरोध की वजह से हाईवे और लंबी दूरी की यात्रा के लिए अच्छा होता है।
दूसरी तरफ सामान्य टायर ऑफ-रोडिंग और भारी वजन उठाने वाली बाइक्स में बेहतर प्रदर्शन करता है।
रेडियल टायर में घर्षण कम होने के कारण बेहतर माइलेज मिलता है और ईंधन की बचत होती है।
दूसरी तरफ सामान्य टायर के साधारण ट्रेड पैटर्न के चलते इसमें अधिक घर्षण होता है, जिससे बाइक में कम माइलेज मिलता है।
लाइफ
कौनसा टायर चलता है लंबा?
रेडियल टायर की बनावट मजबूत होती है, जिसके चलते यह कम घिसता और लंबा चलता है। यह जल्दी गर्म भी नहीं होता और पंचर होने की संभावना कम रहती है।
दूसरी तरफ सामान्य टायर जल्दी घिस जाते हैं और इनके ज्यादा गर्म होने की संभावना रहती है।
रेडियल टायर की लागत अधिक होने से इनकी कीमत भी सामान्य टायर से अधिक होती है। इनका उपयोग पावरफुल मोटरसाइकिल में किया जाता है, जबकि कम्यूटर बाइक में सामान्य टायर लगाए जाते हैं।