कार में हैजर्ड लाइट का उपयोग कब करना सही? जानिए कब न करें चालू
क्या है खबर?
देश में ज्यादातर होने वाली सड़क दुर्घटनाएं तेज गति, गलत दिशा में गाड़ी चलाने जैसे टाले जा सकने वाले कार्यों के कारण होती हैं। कार की हैजर्ड (आपातकालीन) लाइट्स का सही ढंग से उपयोग नहीं करना भी हादसे की वजह रहती है। यह एक लाल रंग के त्रिकोण के चित्र वाला बटन होता है, जिसे दबाने पर सभी इंडीकेटर एकसाथ ब्लिंक करने लगते हैं। आइए जानते हैं हैजर्ड लाइट्स का उपयोग कब करना सही रहता है और कब नहीं।
तकनीकी खराबी
तकनीकी खराबी होने पर जरूर करें हैजर्ड लाइट का उपयोग
अगर आपकी कार खराब हो जाती है या उसका टायर पंक्चर हो जाता है तो तुरंत हैजर्ड लाइट चालू कर दें। ये चमकती लाइट्स दूसरे वाहन चालकों को बताती हैं कि आपकी कार में कोई समस्या है। इससे उन्हें दूर से ही आपकी गाड़ी को पहचानने, धीमी गति करने और सुरक्षित रूप से आगे निकलने में मदद मिलती है। सड़क के किनारे खड़ी होने पर दूसरों को यह भी बताती हैं कि आपकी कार रुकी हुई है।
सचेत
दुर्घटना के प्रति कर सकते हैं सचेत
दुर्घटना के प्रति सचेत: किसी दुर्घटना के बाद या मलबे के कारण आपकी कार सड़क के किसी हिस्से को अवरुद्ध कर देती है तो इमरजेंसी लाइट्स चालू कर आप दूसरे चालकों को अपना वाहन धीमा और सुरक्षित रूप से चलाने के लिए चेता सकते हैं। टो किए जाने के दौरान: जब किसी वाहन को टो किए जाने के दौरान ये लाइट्स दूसरे चालकों के लिए अपने वाहन की गति धीमी रखने के लिए सतर्क कर देती हैं।
नहीं करें
कब नहीं करना चाहिए हैजर्ड लाइट का उपयोग?
कोहरा या कम दृश्यता की स्थिति: कोहरे, बारिश या कम दृश्यता के दौरान चालक अक्सर हैजर्ड लाइट चालू करने की गलती कर बैठते हैं। इससे दूसरे चालकों में भ्रम हो सकता है कि आपकी गाड़ी चल रही है या रुकी हुई है। इस दौरान फॉग लैंप और हेडलाइट्स (लो बीम में) का इस्तेमाल करना बेहतर होता है। सुरंग से गुजरते समय: सुरंग से गुजरते समय इन लाइट्स को जलाने से भी दूसरे वाहन चालकों में भ्रमित पैदा हो सकता है।