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पहली बार चला रहे हैं ऑटोमैटिक कार, इन बातों का जरूर रखें ध्यान 
ऑटोमैटिक कार की ड्राइविंग काफी आसान होती है (तस्वीर: पिक्साबे)

पहली बार चला रहे हैं ऑटोमैटिक कार, इन बातों का जरूर रखें ध्यान 

Sep 23, 2025
08:36 pm

क्या है खबर?

भारत में सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक के साथ ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों को चुनने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। यह आपको भीड़-भाड़ भरे ट्रैफिक के दौरान बार-बार क्लच का इस्तेमाल करने से छुटकारा देता है। ऑटोमैटिक कार को चलाना आसान है, लेकिन कुछ गलतियां फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। आप भी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली गाड़ी खरीदने का विचार कर रहे हैं तो स्टीयरिंग व्हील संभालने से पहले आपको इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

दांया पैर 

ब्रेक दबाने के लिए किस पैर का करें इस्तेमाल?

मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार चलाने के बाद हमारी मेमोरी क्लच इस्तेमाल करने के लिए बाएं पैर को बचाकर रखती है। ऑटोमैटिक कार में क्लच पेडल नहीं होता तो इसे ब्रेक लगाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, जबकि इसके लिए दाएं पैर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। ब्रेक पेडल को क्लच की तुलना में कम बल की जरूरत होती है। अगर, बाएं पैर से ब्रेक पर क्लच जितना ही दबाव डालते हैं। कार अचानक रुक जाएगी।

प्लानिंग 

पहले से योजना बनाना 

ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन सुविधाजनक होता है, लेकिन इसमें छोटी-सी खामी भी है। आपको ओवरटेकिंग जैसे कारनामे पहले से प्लान करने होंगे। मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार की तुलना में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन थोड़ा धीमा काम करता है। मैनुअल कार में टाइमिंग और गियर लगाने का नियंत्रण चालक के हाथ में होता है, लेकिन ऑटोमैटिक थोड़ा धीमा होता है, क्योंकि यह थ्रॉटल इनपुट की मात्रा पर निर्भर करता है। जैसे ही थ्रॉटल पेडल दबाते हैं, इनपुट पर प्रतिक्रिया देने में थोड़ा समय लगता है।

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गियर लीवर

गियर लीवर याद रखें

गाड़ी चलाते समय बार-बार गियर लीवर देखना थोड़ा मुश्किल और जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए, गियर लीवर की स्थिति को याद रखना सही रहता है। D मोड कार को सीधा चलाने के लिए, N मोड मैनुअल कार के न्यूट्रल जैसा ही है। इसमें गियर नहीं लगे होते। इसके साथ ही P मोड न्यूट्रल जैसा ही है, लेकिन गियर लॉक होते हैं जिससे कार आगे नहीं बढ़ सकती, जबकि R मोड रिवर्स में चलाने के लिए होता है।

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क्रीप फंक्शन

क्रीप फंक्शन के बारे में जानकारी 

ऑटोमैटिक कारों में एक क्रीप फंक्शन होता है और पहली बार गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को इसके बारे में पता होना चाहिए। यह बंपर-टू-बंपर ट्रैफिक में गाड़ी चलाते समय और तंग जगहों पर कार पार्क करते समय भी एक बेहद उपयोगी फंक्शन है। क्रीप फंक्शन में कार बिना थ्रॉटल इनपुट के धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। ड्राइव बटन दबाने और ब्रेक पेडल छोड़ते ही कार चलने लगती है, जिसे ब्रेक से नियंत्रित किया जा सकता है।

बदलाव 

ड्राइविंग स्टाइल में बदलाव

इन गाड़ियों में आपको ड्राइविंग स्टाइल को एडजस्ट करना होगा। आपको पता होना चाहिए कि कौन-सा गियर कब लगाना है। कुछ कारें ओवरड्राइव बटन के साथ आती हैं, जिससे अचानक से ओवरटेक करने में मदद मिल सकती है। पहाड़ियों पर गाड़ी चलाते समय L बटन ड्राइविंग को थोड़ा आसान बना देगा। इंजन ब्रेकिंग: जब आप एक्सीलरेटर पेडल छोड़ेंगे तो कार अपने आप इंजन ब्रेकिंग मोड में चली जाएगी। इससे ब्रेकिंग सिस्टम की लाइफ भी बढ़ जाती है।

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