बर्फीली वादियों में गाड़ी चलाने में बरतें सावधानी, जानिए जरूरी टिप्स
क्या है खबर?
सर्दियों के दौरान पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी का नजारा देखने के लिए सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ती है। कई लोग मौसम आनंद लेने के लिए अपनी कार से ही सफर करना पसंद करते हैं। यह जितना मजेदार लगता है, उतना ही खतरनाक भी है। आपके साथ दूसरों की जान भी दांव पर लगी रहती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि बर्फीले क्षेत्रों में गाड़ी चलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
परेशानी
पहाड़ों पर क्या आती है परेशानी?
सर्दी में सबसे बढ़ी समस्या बर्फ के बीच गाड़ी चलाने को लेकर होती है। यह एक रोमांचक अनुभव हो सकता है, लेकिन कई बार पहिए बर्फ के बीच फंस जाते हैं। इससे पार पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। सड़कों पर फिसलन अधिक होने के कारण परेशानी और बढ़ जाती है और हादसा होने का खतरा हमेशा बना रहता है। यही कारण है कि सामान्य सड़क और बर्फबारी के दौरान गाड़ी चलाने में बहुत बड़ा अंतर होता है।
तैयारी
सफर पर निकलने से पहले करें ये तैयारी
पहाड़ी इलाकों में सफर पर निकलने से पहले गाड़ी में एंटी-स्किड टायर और स्नो चैन लगवाना सही रहता है। यह आपकी गाड़ी को बर्फ में फंसने से रोकते हैं। इसके अलावा गाड़ी के ब्रेक पैडल अच्छे होने चाहिए, जो ब्रेक लगाने के दौरान परेशानी नहीं आने देते। बैटरी की स्थिति भी जांच लें, कूलेंट और फ्यूल का स्तर देखकर यह सुनिश्चित कर लें कि पर्याप्त है या नहीं। साथ में अतिरिक्त टायर, जैक और आपतकालीन टूल भी साथ जरूर रखें।
गियर
गियर बदलने पर रखें खास ध्यान
इसके अलावा आपको ड्राइविंग के तरीकों में भी बदलाव करने की जरूरत है। ऊपर चढ़ते समय गुरुत्वाकर्षण आपके खिलाफ काम करता है और गाड़ी की रफ्तार कम कर देता है। इसलिए, ऐसे में निचले गियर में रहें, जिसमें टॉर्क सबसे ज्यादा मिलता है। ढलान पर गाड़ी चलाते समय उसी गियर या एक गियर ऊपर रखना चाहिए, जो आप चढ़ते समय इस्तेमाल करते हैं। अगर, आपके पास ऑटोमैटिक कार है तो पहाड़ों पर इसे मैनुअल मोड में चलाएं।
संकेत
सड़क संकेतों की न करें अनदेखी
पहाड़ों पर अप्रत्याशित रास्ते और मोड सामने आ सकते हैं, ऐसे में सड़क के संकेतों को बारीकी से देखते हुए गाड़ी चलाना सही रहता है। ऐसी जगह पर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना कभी भी ठीक नहीं है, क्योंकि अचानक से ब्रेक लगाने की स्थिति आने पर गाड़ी के फिसलने का खतरा रहता है। जब तक जरूरी न हो तब तक ओवरटेक करने और लेन बदलने से बचें। लाइट्स, इंडिकेटर और हार्न का सही इस्तेमाल करना भी सुरक्षित रखता है।