भारत में टेस्ला आगमन के करीब, कारों पर शून्य टैरिफ चाहता है अमेरिका
क्या है खबर?
अमेरिका चाहता है कि भारत कार आयात पर टैरिफ हटाए, जिससे अमेरिकी कंपनियों को फायदा मिले।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत इस मांग पर तुरंत सहमत होने को तैयार नहीं है, लेकिन वह आगे और कटौती पर विचार कर सकता है।
यह मुद्दा दोनों देशों के बीच होने वाली व्यापार वार्ता में अहम रहेगा। टेस्ला जैसी कंपनियां भारतीय बाजार में आना चाहती हैं, लेकिन 110 प्रतिशत तक के आयात कर से उन्हें दिक्कत हो रही है।
प्रतिक्रिया
टैरिफ विवाद और ट्रंप की प्रतिक्रिया
टेस्ला के CEO एलन मस्क ने भारत के ऊंचे आयात कर की आलोचना की है, जिसे उन्होंने दुनिया में सबसे अधिक बताया।
उनकी इस चिंता को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी समर्थन मिला है। ट्रंप पहले भी भारत के ऑटो टैरिफ पर नाराजगी जता चुके हैं और उन्होंने इसे कम न करने पर जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी है।
अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में भी टैरिफ शून्य या कम करे।
व्यापार समझौते की दिशा में वार्ता
व्यापार समझौते की दिशा में वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने 2025 तक व्यापार समझौते पर काम करने की सहमति दी है, जिससे 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर (लगभग 43,500 अरब रुपये) तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
भारत के व्यापार मंत्री पीयूष गोयल इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अमेरिका में हैं। उनकी अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत जारी है, लेकिन भारत टैरिफ कम करने से पहले घरेलू उद्योगों से परामर्श करेगा।
बदलाव
घरेलू उद्योगों की चिंता और संभावित बदलाव
टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी भारतीय कंपनियां टैरिफ में कटौती का विरोध कर रही हैं, क्योंकि इससे सस्ते आयात बढ़ सकते हैं और लोकल मैन्युफैक्चरिंग को नुकसान हो सकता है।
भारत का ऑटो बाजार सुरक्षित बाजारों में से एक है, जिसमें हर साल 40 से अधिक कारें बिकती हैं।
हालांकि, भारत ने कुछ वस्तुओं पर आयात शुल्क कम किया है और लग्जरी कारों पर समीक्षा की योजना बनाई है, जिससे व्यापार नीति में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।