#NewsBytesExplainer: कितने तरह की होती हैं कार बैटरी? जानिए इनके प्रकार
क्या है खबर?
बैटरी को किसी भी वाहन के मुख्य हिस्से के रूप में देखा जाता है। यह वाहनों को स्टार्ट करने के साथ-साथ उनमें लगे बहुत-से डिजिटल पार्ट्स को भी चलाने का काम करती है।
वर्तमान में वाहनों में कई तरह की बैटरी का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहीं कुछ नई तकनीक वाली बैटरियों पर काम भी चल रहा है।
आज हम कार गाइड में आपके लिए वाहनों के इस्तेमाल होने वाली बैटरी के प्रकार की जानकारी लेकर आये हैं।
#1
लीड-एसिड बैटरी
जैसा कि नाम से पता चलता है कि लीड-एसिड बैटरी में मुख्य धातु के रूप में लीड यानी सीसे का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसमें सल्फ्यूरिक एसिड और पानी का मिश्रण भी होता है। यह एक रिचार्जेबल बैटरी होती है।
लीड-एसिड बैटरी एक लोकप्रिय कम कीमत वाली बैटरी है, जो ठीक मात्रा में आपूर्ति पहुंचाने के साथ ही बहुत तरह के पावर पैक में उपलब्ध होती है।
ऐसी बैटरियां आसानी से बाजारों में मिल जाती हैं।
#2
वाल्व-रेगुलेटेड लीड-एसिड (VRLA) बैटरी
पैक लीड-एसिड को ही VRLA बैटरी कहा जाता है। ये बैटरियां सीलबंद होती हैं और इस वजह से इन्हे रखरखाव की जरूरत नहीं होती हैं। इनमें बाहर से पानी तक डालने तक जरूरत नहीं होती है। साथ ही इनमें से किसी तरह की गैसें बाहर नहीं निकलती।
VRLA बैटरी 2 तरह की होती हैं। पहली जेल VRLA बैटरी, जिसमें जेल इलेक्ट्रोलाइट का इस्तेमाल होता है और दूसरी गैस VRLA, जिसमें लीकेज से बचने के लिए गैसें होती हैं।
#3
लिथियम-आयन बैटरी
लिथियम-आयन बैटरी भी एक प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी है, जिसमें लिथियम आयन पॉजिटिव से नेगेटिव इलेक्ट्रोड में मिलते हैं।
वर्तमान में लिथियम-आयन बैटरियां काफी लोकप्रियता हासिल कर रही हैं। इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (PHEV) में होता है।
इन बैटरियों में अधिक ऊर्जा होती और इनका वजन भी कम होता है। इन बैटरियों को आसानी से रीसाइकल किया जा सकता, जो उन्हें पर्यावरण-अनुकूल विकल्प बनाती हैं।
#4
सोडियम आयन बैटरी
सोडियम-आयन बैटरी रिचार्जेबल बैटरी है, जिसे बैटरी की चार्जिंग और डिस्चार्जिंग के दौरान इलेक्ट्रोड के बीच सोडियम-आयन संचलन की आवश्यकता होती है।
ये बैटरियां वर्तमान में अपनी कम लागत, अधिक उपलब्धता और पर्यावरण पर कम प्रभाव के कारण अन्य बैटरी तकनीक के संभावित विकल्प के रूप में उभर रही हैं।
सोडियम दुनियाभर में आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इसकी कुछ खामियां भी हैं। अन्य बैटरी की तुलना में सोडियम-आयन वाली बैटरियां कम ऊर्जा स्टोर कर सकती हैं।
#5
सॉलिड-स्टेट बैटरी
सॉलिड-स्टेट बैटरियां एक उभरती हुई तकनीक हैं, जो पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों में पाए जाने वाले तरल के बजाय ठोस इलेक्ट्रोड और ठोस इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग करती है।
इस वजह से इन्हे जल्दी से चार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा पावर आउटपुट के मामले में भी ये बैटरियां बेहतर हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए कई ऑटोमोबाइल कंपनियां अपनी आगामी वाहनों में सॉलिड-स्टेट बैटरी इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रही हैं।
#6
निकेल-मेटल हाइड्राइड (NiMH) बैटरी
निकेल-मेटल हाइड्राइड (NiMH) बैटरी भी एक लोकप्रिय प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी है। यह पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाती हैं। इसमें निकेल-मेटल का इस्तेमाल इलेक्ट्रोलाइट के रूप में होता है।
ये अधिक ऊर्जा देती हैं और इन्हे कई बार रिचार्ज किया जा सकता है। इस वजह से पारंपरिक लीड-एसिड बैटरियों की तुलना में विश्वसनीय विकल्प हैं।
निकेल बैटरी के कई फायदे हैं, लेकिन अगर अधिक समय तक इनका इस्तेमाल न किया जाये तो ये अपने आप डिस्चार्ज हो जाती हैं।
#7
सिल्वर-कैल्शियम बैटरी
सिल्वर कैल्शियम बैटरियों को ऑटोमोटिव बैटरी तकनीक में उभरती हुई बैटरी तकनीक के रूप में देखा जा रहा हैं, जो पारंपरिक लीड-एसिड बैटरियों की तुलना में अधिक दक्ष होती हैं और इनका प्रदर्शन बेहतर होता है।
बता दें कि इन बैटरियों में कैल्शियम और सिल्वर मिक्स्ड धातुओं का इस्तेमाल बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल पर किया जाता है। इस वजह से ये बैटरियां अधिक पावर देती हैं और इस्तेमाल में न होने पर भी अपने आप डिस्चार्ज नहीं होती।
चुनाव
अपनी गाड़ी के लिए कैसे चुने सही बैटरी?
1- आकार: सही आकार की बैटरी चुनने से आपको पता चलेगा कि वह कार में ठीक तरह से फिट हो पाएगी या नहीं।
2. AH रेटिंग: अपनी कार के लिए ऐसी बैटरी का चयन करें, जिसकी AH रेटिंग मौजूदा बैटरी के समान। AH रेटिंग बताती है कि एक घंटे में बैटरी कितनी एम्पीयर पावर देगी।
3: CCA रेटिंग: आपको हाई CCA रेटिंग वाली बैटरी लेनी चाहिए। यह रेटिंग ठंडे तापमान में इंजन शुरू करने की बैटरी क्षमता को बताती है।