टोयोटा भारत में बनाएगी इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जे, किया 4,800 करोड़ रुपये का निवेश
क्या है खबर?
टोयोटा (Toyota) ने कर्नाटक सरकार के साथ किये अपने एक समझोते (MoU) की घोषणा की है।
इसके तहत टोयोटा ग्रुप की कंपनियां, जिसमें टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (TKM), टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स (TKAP) और टोयोटा इंडस्ट्रीज इंजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (TIEI) शामिल हैं, सभी मिलकर 4,800 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।
इसमें TKM और TKAP की हिस्सेदारी 4,100 करोड़ रुपये की होगी। इस घोषणा के साथ टोयोटा ने भारत में अपने 25 साल पूरे होने की भी सूचना दी।
फायदे
सप्लाई चेन के निचले स्तर को मिलेगी मजबूती
यह समझौता देश में होने वाले कलपुर्जे के व्यवसाय को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार और समाज के विकास में भी एक अहम भूमिका निभाएगा।
यह निवेश सप्लाई चेन के निचले स्तर को भी मजबूती देगा, जिससे भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने में काफी हद तक मदद मिलेगी और विदेशी आयात पर से निर्भरता कम हो सकेगी।
इसके तहत टोयोटा ग्रुप स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ पार्टनरशिप कर उनकी क्षमता और योग्यता को बढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण भी देगा।
योजना
भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना लक्ष्य
यह समझौता कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और विक्रम किर्लोस्कर, उपाध्यक्ष, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के बीच किया गया। इसके तहत एक योजनाबद्ध तरीके से टोयोटा ग्रुप की कंपनियां भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में निवेश करेंगी। इस प्रकार यह सरकार के मेक इन इंडिया मिशन में योगदान होगा।
निवेश का उद्देश्य सतत विकास कर पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधनों पर निर्भरता कम करना और 'टोयोटा पर्यावरण चैलेंज 2050' के तहत समग्र रूप से कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।
विजन
कंपनी ने क्या कहा?
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उपाध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा, "अपनी फिलॉसफी के अनुसार, हम हमेशा गहन अध्ययन करते हैं, विश्लेषण करते हैं और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने पर राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कई तकनीकी रास्ते तलाशते हैं जो सबसे उपयुक्त हो और देश को वास्तव में आत्मनिर्भर बना सके। जहां हम काम करते हैं उस देश और समुदाय की सेवा करने के लिए टोयोटा और हम प्रतिबद्ध हैं।"
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड, भारतीय बाजार में टोयोटा कारों के निर्माण और बिक्री के लिए टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन (89%) और किर्लोस्कर समूह (11%) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। इसकी शुरुआत 1997 में हुई थी, जिससे टोयोटा ने भारतीय बाजार में कदम रखा था।