आग लगने की घटनाओं के बाद अप्रैल में वापस बुलाए गए थे 6,600 इलेक्ट्रिक स्कूटर
इसी साल अप्रैल में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में एक के बाद एक आग लगने की कई घटना सामने आई थी, जिसके बाद निर्माता कंपनियां सतर्क हो गईं और अपने स्कूटरों की जांच के लिए उन्हें वापस बुलाने लगीं। इसके बाद भारतीय बाजार में उपलब्ध तीन बड़ी कंपनियों ने अप्रैल में कुल 6,600 इलेक्ट्रिक स्कूटरों को वापस बुला लिया गया था। भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने लोकसभा में यह जानकारी दी है।
भारी उद्योग राज्य मंत्री ने कही यह बात
कृष्ण पाल गुर्जर ने मंगलवार को लोकसभा में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं और सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के तीन निर्माताओं ने इस साल अप्रैल में 6,656 से अधिक वाहनों को वापस बुला लिया था। उन्होंने आगे कहा कि वाहन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इन घटनाओं के बाद भी EV की बिक्री में कोई गिरावट नहीं आई है।
प्योर EV ने वापस बुलाये थे 2,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर
बता दें कि मार्च में तमिलनाडु और अप्रैल में आंध्र प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं हुईं। इन सभी मामलों में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने संबंधित निर्माताओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को नोटिस भेजा था। इसके बाद प्योर EV ने 21 अप्रैल, 2022 को अपने एंट्रांस प्लस और ई-प्लूटो 7G स्कूटरों की 2,000 यूनिट्स को वापस बुला लिया था। कंपनी ने कहा था इन स्कूटरों के बैटरी की जांच की जाएगी।
ओला और ओकिनावा ने बुलाए थे इतने इलेक्ट्रिक स्कूटर
ओला इलेक्ट्रिक ने भी अप्रैल में अपने S1 और S1 प्रो स्कूटरों को वापस बुलाने का निर्णय लिया था। रिकॉल प्रक्रिया में कुल 1,441 इलेक्ट्रिक स्कूटरों को शामिल किया गया था। वहीं, ओकिनावा ने भी अपने 3,215 इलेक्ट्रिक स्कूटरों को वापस बुला लिया था।
उत्तर प्रदेश में हुआ है सबसे अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण
भारी उद्योग मंत्रालय ने यह भी कहा कि 14 जुलाई तक भारत में कुल 13.3 लाख इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत थे, जिनमें से उत्तर प्रदेश में 3,37,180, दिल्ली में 1,56,393 और कर्नाटक में 1,20,532 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ है। FAME-I योजना के तहत मंत्रालय ने 520 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी थी, जिनमें से 479 स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं। FAME-II के तहत 2,877 EV-स्टेशनों को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से केवल 50 स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
सरकार ने किया था जांच कमेटी का गठन
आग लगने की घटनाओं का पता लगाने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को रिकॉल करने के बजाए इस मामले में DRDO और भारतीय विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट का इंतजार करने को कहा था। बता दें कि सरकार ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के तहत आने वाले सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एन्वायरनमेंट सेफ्टी को इलेक्ट्रिक गाड़ियों में आग लगने की परिस्थितियों की जांच करने और इसके बचाव के उपायों का सुझाव देने के लिए कहा था।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग लंबे समय से सुझाव देता आ रहा है। नीति आयोग और प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC) ने रिपोर्ट जारी कर जानकारी दी है कि दोपहिया सेगमेंट में वित्त वर्ष 2026-27 तक भारतीय बाजार में केवल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री होगी। बता दें कि पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के प्रति लोगों ने काफी जागरूकता दिखाई है और बड़ी संख्या में लोग इन्हे खरीद भी रहे हैं।