
सुप्रीम कोर्ट ने सड़क डिजाइन और रखरखाव के मानक किए अनिवार्य, राज्यों को दिया आदेश
क्या है खबर?
देशभर में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (7 अक्टूबर) को सड़क मानकों में बदलाव के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिए हैं। इसके तहत राजमार्गों सहित अन्य सभी सड़कों के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव को नियंत्रित करने के लिए 6 महीने के भीतर नए नियम बनाने और अधिसूचित करने को कहा है। इसका उद्देश्य सड़कों के कारण गैर-मोटर चालित वाहनों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
आदेश
इस धारा के तहत दिए निर्देश
न्यायधीश जेबी पारदीवाला और केवी विश्वनाथन की पीठ की ओर से जारी यह निर्देश विशेष रूप से राज्यों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 210(B) के तहत नियम बनाने के लिए बाध्य करता है। यह धारा राज्य सरकारों को सड़क बुनियादी ढांचे के मूलभूत पहलुओं के लिए तकनीकी मानक निर्धारित करने की अनुमति देती है। न्यायालय ने ये निर्देश कोयंबटूर के सर्जन एस राजसीकरन की ओर से सड़क दुर्घटनाओं को लेकर दायर एक याचिका पर दिए हैं।
उद्देश्य
जवाबदेही तय करेंगे ये निर्देश
न्यायालय का यह आदेश निर्माण क्षेत्र में जवाबदेही और मानकीकरण पर जोर देता है। सड़कों के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए मानक निर्धारित करने वाले नियम बनाने का निर्देश देकर न्यायपालिका गैर-राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के प्रबंधन में एक व्यवस्थित बदलाव पर जोर दे रही है। सड़कों की खराब स्थिति- गड्ढे, अपर्याप्त जल निकासी और उचित संकेतों का अभाव सड़क दुर्घटनाओं के सामान्य कारण हैं। नए नियमों का उद्देश्य योग्य गुणवत्ता मानक स्थापित करके इन खतरों को समाप्त करना है।