पिछले साल पुरानी डीजल कारों की बिक्री बढ़ी, ऑनलाइन माध्यमों से बिके अधिक वाहन- रिपोर्ट
क्या है खबर?
पिछले साल भारत में पुरानी कारों और दोपहिया वाहनों की अच्छी बिक्री हुई है।
हर साल की अपेक्षा पिछले साल ग्राहकों ने पुरानी डीजल कारें अधिक खरीदी हैं।
इतना ही नहीं, साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के कारण वाहन खरीदने के लिए लोगों ने ऑनलाइन माध्यमों का अधिक उपयोग किया है।
बता दें कि यह जानकारी, पुराने वाहनों की बिक्री और भारतीय ग्राहकों की पसंद आदि के बारे में ड्रूम की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है।
क्या आप जानते हैं?
कैसे तैयार की गई है रिपोर्ट?
ड्रूम वाहनों की खरीद और बिक्री से जुड़ी वेबसाइट है। कंपनी ने यह सालाना रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर क्रेता और विक्रेता आदि की गतिविधियों को ध्यान में रखकर तैयार की है।
कार और बाइक
सबसे ज्यादा बिकी यह कार और बाइक
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल सबसे अधिक बिकने वाली पुरानी कारों की लिस्ट में मारुति सुजुकी स्विफ्ट डिजायर का नाम सबसे ऊपर है। इसे ग्राहकों ने सबसे ज्यादा पसंद किया है।
इसके अलावा पिछले साल पुराने दोहपिया वाहनों में सबसे ज्यादा बिक्री हीरो स्प्लेंडर प्लस की हुई है।
वहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया कि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण ऑनलाइन माध्यमों से अधिक वाहनों की बिक्री हुई है।
रिपोर्ट
इन दो कलर्स को अधिक पसंद करते हैं भारतीय ग्राहक
2020 में न सिर्फ ग्राहकों ने ऑनलाइन माध्यमों को वाहन खरीदने का जरिया बनाया बल्कि कोरोना वायरस महामारी के कारण हर साल की अपेक्षा 2020 में ग्राहकों ने पुरानी कार और दोपहिया वाहन अधिक खरीदे हैं।
इसके अलावा रिपोर्ट के अनुसार भारतीय ग्राहकों को व्हाइट और सिल्वर कलर की कारें अधिक पसंद होती हैं। पिछले साल बिकी पुरानी कारों में 50 प्रतिशत कारें इन दोनों रंगों की थी।
डीजल कारें
डीजल कारों की बिक्री में हुआ इजाफा
इसके साथ ही 2020 में डीजल कारों को काफी भी पसंद किया गया। 2020 में बिकने वाली पुरानी डीजल कारों की संख्या में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
साल 2015 में पुरानी डीजल कारों की बिक्री में हुआ 35 प्रतिशत का इजाफा 2020 में 65 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, लोग औसतन छह साल बाद अपनी पुरानी कार और बाइक, पांच साल बाद पुराना स्कूटर और तीन साल बाद पुरानी सुपर बाइक बेच देते हैं।
जानकारी
2020 में लोगों ने पहले की अपेक्षा जल्दी बेची कारें
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 में पहले की अपेक्षा लोगों ने जल्दी अपनी कारें बेची हैं।
इसका मतलब जहां 2019 में लोगों ने अपनी नई कार को औसतन पांच साल छह महीने चलाकर बेचा था। वहीं, 2020 में लोगों ने अपनी औसतन पांच साल पुरानी कारों को बेचा है।
रिपोर्ट में यह भी बताया है कि 2020 में बिकने वाली कुल कारों में से 55 प्रतिशत भारतीय और जापानी ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEMs) की कारें हैं।
ऑटोमैटिक कारें
ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाली कारों की बिक्री में हुआ इजाफा
वहीं, पुरानी जर्मन कारों ने भी अपनी बिक्री में इजाफा किया है। पिछले साल 10 से 18 प्रतिशत तक जर्मन कारें बिकी।
हालांकि, पुरानी कोरियाई कारों की बिक्री में गिरावट आई है। 2020 में कोरियाई पुरानी कारों की बिक्री 20 प्रतिशत से घटकर 12% रह गई है।
इसके अलावा भारत में ग्राहकों के बीच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाली कारों को अधिक पसंद किया गया है।
पिछले छह वर्षों में इनकी बिक्री में 20 से 35 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है।