बीच सड़क पर ओला S1 प्रो स्कूटर में लगी आग, वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें ओला कंपनी का इलेक्ट्रिक स्कूटर धू- धू कर जलता हुआ दिखाई दे रहा है। यह घंटना 26 मार्च की है। बता दें कि कंपनी ने पुणे में काले रंग के S1 प्रो मॉडल में आग लगने के बाद जांच शुरू करने का फैसला किया है। वहीं, घटना के समय स्कूटर पार्क था और इस मामले में किसी के भी घायल होने की खबर नहीं है।
ट्वीटर पर खूब वायरल हो रहा यह वीडियो
क्या हो सकती है आग लगने की वजह?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि किसी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर में लिथियम-आयन बैटरी के क्षतिग्रस्त होने या फिर शॉर्ट सर्किट होने पर आग लग सकती है। हालांकि, अभी इसपर जांच की जा रही है कि आखिर किस वजह से ओला ई- स्कूटर में आग लगी है। लिथियम-आयन बैटरी में लगी आग को बुझाना मुश्किल होता है। पानी के संपर्क में आने पर यह हाइड्रोजन गैस और लिथियम-हाइड्रॉक्साइड पैदा करता है। बता दें कि लिथियम-हाइड्रॉक्साइड अत्यधिक ज्वलनशील होता है।
कंपनी ने ट्वीट कर कही ये बात
ओला ने भी इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटना की पुष्टि की है। कंपनी ने कहा कि उसे पुणे में ओला S1 प्रो में आग लगने की जानकारी है और वह आग के कारणों की जांच कर रही है। ओला ने यह भी दावा किया कि ग्राहक बिल्कुल सुरक्षित हैं। जहां तक आग की घटना का सवाल है, ओला ने कहा कि वह आने वाले दिनों में इस बारे अपडेट साझा करेगी और उचित कार्रवाई करेगी।
इलेक्ट्रिक स्कूटर में मिलते हैं ये फीचर्स
डिजाइन की बात करें तो ओला S1 प्रो को ट्यूबलर फ्रेम पर बनाया गया है और इसमें इंडिकेटर-माउंटेड फ्रंट एप्रन, एक स्माइली-शेप्ड हेडलाइट, सिंगल-पीस सीट और फ्लैट फुटबोर्ड है। इसमें फुल-LED इल्यूमिनेशन और 7.0 इंच का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर है जो वॉयस कंट्रोल और कनेक्टिविटी विकल्पों के लिए सपोर्ट करता है। ओला स्कूटर के दोनों ही ट्रिम में नॉन-रिमूवल लिथियम-आयन बैटरी पैक हैं जो 8.5KW की अधिकतम पावर और 58Nm का टॉर्क जनरेट करता है।
क्या है इसकी कीमत?
ओला ने S1 स्कूटर की कीमत एक लाख रुपये जबकि S1 प्रो की कीमत 1.3 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) रखी है। वर्तमान में ओला 30,000 से ज्यादा ग्राहकों को टेस्ट ड्राइव करा चुकी है और पैन इंडिया टेस्ट ड्राइव प्रोग्राम के तहत 1,000 शहरों और कस्बों में इस टेस्ट ड्राइव की पहल कर रही है, जिससे इसे देश का सबसे बड़ा EV टेस्ट ड्राइव प्रोग्राम कहा जा रहा है। इस पहल को 19 नवंबर से शुरू कर दिया गया था।