नौ महीनों में तीसरी बार बढ़ने जा रहे मारुति की गाड़ियों के दाम, जानें वजह
कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने सितंबर महीने से अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है ताकि लागत में हुई बढ़ोतरी की भरपाई की जा सके। हालांकि, कीमतों में कितने रुपये का इजाफा होगा, इसकी जानकारी कंपनी ने फिलहाल नहीं दी है। आपको बता दें कि नौ महीनों में मारुति द्वारा यह तीसरी बार दामों में इजाफा किया जा रहा है। इससे पहले इसी साल जनवरी और फिर अप्रैल में कीमतों को बढ़ाया गया था।
कब-कब और कितने बढ़े हैं दाम?
मारुति ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह बढ़ोतरी कितनी बड़ी होगी। इससे पहले मारुति ने अपनी कारों की कीमतों में दो बार बढ़ोतरी की थी। जनवरी में मारुति ने इनपुट लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए कुछ मॉडलों पर अपनी कारों की कीमतों में 34,000 रुपये तक की बढ़ोतरी की थी, जबकि अप्रैल में दूसरी बढ़ोतरी को लागू करने के फैसला के बाद कारों की कीमतों में लगभग 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
जुलाई में मारुति की बिक्री में हुआ था इजाफा
बिक्री की बात करें तो जुलाई में मारुति को बिक्री में 50 प्रतिशत की बढ़त मिली थी। कंपनी ने जुलाई में कुल 1.6 लाख यूनिट्स की बिक्री दर्ज की थी, जिसमें 1.36 लाख यूनिट्स की घरेलू बिक्री, 4,738 यूनिट्स की ओएम बिक्री और 21,224 यूनिट्स का निर्यात शामिल हैं। इसके अलावा पिछले साल जुलाई की तुलना में भी मारुति की बिक्री में इस साल जुलाई में 50.33 प्रतिशत बिक्री का इजाफा हुआ। इसमें ऑल्टो और S-प्रेसो की मुख्य भूमिका थी।
टाटा भी बढ़ा रही है कीमत
कार निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने भी अपने नेक्सन इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के चुनिंदा वेरिएंट्स की कीमतों में बढ़ोतरी की है, जिसके बाद XZ+ और XZ+ लक्स वेरिएंट अब 9,000 रुपये महंगे हो गए हैं। वहीं, इसके बाकी के तीन वेरिएंट्स-XM ट्रिम, XZ+ डार्क और XZ+ लक्स डार्क मॉडल की एक्स-शोरूम कीमतें पहले की तरह ही रहेंगी। टाटा ने भी इस साल तीसरी बार अपने वाहनों के दाम बढ़ाए हैं।
जुलाई में महिंद्रा बढ़ा चुकी है कीमत
जुलाई में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी इस साल तीसरी बार अपने सभी मॉडलों की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। पिछली बढ़ोतरी में महिंद्रा थार की कीमत में सबसे अधिक इजाफा हुआ क्योंकि इस बढ़ोतरी से इसके कुछ वेरिएंट लगभग एक लाख रुपये महंगे हो गए थें। जुलाई से पहले महिंद्रा ने जनवरी में अपने वाहनों की कीमतों में दो बार इजाफा किया था और फिर उसके बाद मई में दामों को बढ़ाया गया।