मारुति की बाजार हिस्सेदारी गिरकर पहुंची 50 फीसदी से नीचे, जानिए क्या है कारण
क्या है खबर?
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में मारुति सुजुकी का सालों से दबदबा कायम है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में कंपनी की यात्री वाहन बाजार की हिस्सेदारी में गिरावट आई है।
यह वित्त वर्ष 2020 की 51 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 24 में 42 प्रतिशत रह गई है।
जानकारों का मानना है कि यह मारुति की बिक्री में गिरावट का नहीं, बल्कि बाजार के बदलते रुझानों का परिणाम है और उन्हें फिर से हिस्सेदारी 50 फीसदी के पार जाने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2024
छोटी कारों की बिक्री में आई गिरावट
मारुति की बाजार हिस्सेदारी में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 में कुल घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2022-23 की 16.06 लाख की तुलना में बढ़कर 17.59 लाख हो गई।
यह यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में मिली 75.4 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़त का परिणाम है, जो 3.66 लाख से बढ़कर 6.42 लाख पर पहुंच गई।
बाजार हिस्सेदारी घटने की वजह छोटी कारों की बिक्री में गिरावट है, जो 10.95 लाख से कम होकर 9.7 लाख रह गई।
उम्मीद
मारुति इस रणनीति पर कर रही काम
विश्लेषकों ने मारुति के फिर से 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की संभावना जताई है। जाटो डायनेमिक्स के अनुसार, मारुति की ईंधन मिश्रण रणनीति इसके लिए एक बड़ी वजह है।
इसमें उसके पेट्रोल और हाइब्रिड कार के साथ CNG वाहन शामिल हैं, जो उसे औसत बिक्री मूल्य हासिल करने के साथ इलेक्ट्रिक वाहन की अनुपस्थिति के बावजूद बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद करते हैं।
इसके अलावा SUV पोर्टफोलियो का विस्तार भी इसमें कारगर साबित होगा।