मई में खूब खरीदी गईं महिंद्रा और टाटा की गाड़ियां, बिक्री में हुआ इतना इजाफा
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार की दो दिग्गज कंपनियां महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने मई, 2022 में की गई बिक्री के आंकड़े पेश कर दिए हैं। सालाना आधार पर दोनों ही कंपनियों की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। एक तरफ जहां महिंद्रा की बिक्री में 208 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, वहीं, टाटा ने मई में रिकॉर्ड 186 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। आइए, इनकी सेल्स रिपोर्ट के बारे में जानते हैं।
मई में कैसी रही टाटा की बिक्री?
टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार पर मजबूत पकड़ बनाई है। मई, 2022 में उसकी कुल बिक्री बढ़कर 76,210 यूनिट्स हो गई जो मई, 2021 में 26,661 यूनिट्स थी। इस दौरान कंपनी ने कुल 43,341 यूनिट्स पैसेंजर वाहनों की घरेलू बिक्री की है, जो पिछले साल 15,181 यूनिट्स थी, जिससे कंपनी की बिक्री में 186 प्रतिशत की बढ़त हुई है। अप्रैल, 2021 की तुलना में कंपनी के कमर्शियल वाहनों की बिक्री तीन गुना बढ़कर 31,414 यूनिट्स पर पहुंच गई।
अप्रैल में कंपनी ने बेचे थे इतने वाहन
टाटा ने इस साल अप्रैल में कुल 72,468 यूनिट्स पैसेंजर वाहनों की बिक्री की, जिससे कंपनी को 74 प्रतिशत का लाभ हुआ था। कंपनी ने अप्रैल, 2021 में कुल 41,729 यूनिट्स वाहनों की बिक्री की थी। टाटा ने कमर्शियल व्हीकल की सेगमेंट में कुल 29,880 यूनिट्स की घरेलू बिक्री की थी, जिससे कंपनी को सालाना आधार पर 50 प्रतिशत का लाभ मिला था। टाटा ने अप्रैल, 2021 में इस सेगमेंट में 13,500 यूनिट्स की बिक्री की थी।
मई में कैसी रही महिंद्रा की बिक्री?
पिछले महीने महिंद्रा ने भी शानदार प्रदर्शन करने हुए कुल 53,726 यूनिट्स की बिक्री की है। पैसेंजर वाहन सेगमेंट में सालाना आधार पर महिंद्रा ने 244 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने पिछले साल मई में 8,004 यूनिट्स वाहनों की बिक्री की थी, जो इस साल मई में बढ़ कर 26,904 यूनिट्स हो गई है। यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में भी कंपनी को फायदा हुआ है। इस सेगमेंट में कंपनी ने 26,632 वाहनों की बिक्री की है।
अप्रैल में महिंद्रा ने बेचे थे इतने वाहन
अप्रैल, 2022 में पैसेंजर वाहन सेगमेंट में सालाना आधार पर महिंद्रा ने 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। कंपनी ने पिछले साल अप्रैल में 18,186 यूनिट्स वाहनों की बिक्री की थी, जो इस साल अप्रैल में बढ़ कर 22,526 यूनिट्स हो गई थी। हालांकि, मासिक आधार पर कंपनी की बिक्री में 18 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कंपनी ने सेमीकंडक्टर की कमी के कारण उत्पादन में लगातार कटौती को इसका मुख्य कारण बताया था।